अयोध्या में बीजेपी को मात देना हर एक राजनीतिक दल के लिए किसी बड़े चैलेंज से कम नहीं है. 1992 में बाबरी मस्जिद कांड के बाद कोई भी राजनीतिक दल बीजेपी को यहां मात नहीं दे पाया था, लेकिन समाजवादी पार्टी के तेज नारायण पांडेय उर्फ पवन पांडेय ने 2012 के विधानसभा चुनावों में ये कारनाम कर दिखाया था और फैजाबाद सीट पर सपा का झंडा लहराया था. उन्होंने 2012 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लल्लू सिंह को अयोध्या की फैजाबाद विधानसभा सीट पर मात दी थी.
गौरतलब है कि बीजेपी के दिग्गज नेता लल्लू सिंह 1991, 1993, 1996, 2002 और 2007 में विधायक रह चुके हैं. पांडेय को अखिलेश यादव का करीबी माना जाता है. 1998 में समाजवादी पार्टी से जुड़े पांडेय को 2004 में लखनऊ यूनिवर्सिटी का वाइस प्रेसीडेंट चुना गया था और वह अखिलेश यादव की 'टीम इलेवन' के भी सदस्य हैं. तेज नारायण पांडेय की जनता के बीच विकास के रास्ते पर चलने वाले नेता के रूप में पहचान है. साथ ही फैजाबाद में मेडिकल कॉलेज खुलवाने को लेकर किए गए उनके प्रयासों को भी जनता ने काफी सराहा है.
विकास के एजेंडे पर चलने वाले पांडेय ने 2014 लोकसभा चुनावों में सपा के खराब प्रदर्शन के चलते सरकार से इस्तीफा दे दिया था. पांडेय एक पढ़े लिखे नेता है. उन्होंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से ही अपनी ग्रेजुएशन और बाद में एम.ए (पॉलिटिकल साइंस) की पढ़ाई पूरी की. 2012 विधानसभा चुनावों में तेज नारायण पांडेय के शानदार प्रदर्शन को देखते हुए समाजवादी पार्टी ने 2017 के विधानसभा चुनावों में एक बार फिर उनपर भरोसा जताया है.
2017 विधासभा चुनावों में उनकी टक्कर बीजेपी के वेद प्रकाश गुप्ता से होगी. आपको बता दें कि वेद प्रकाश गुप्ता 2012 में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे और उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
गौरतलब है कि बीजेपी के दिग्गज नेता लल्लू सिंह 1991, 1993, 1996, 2002 और 2007 में विधायक रह चुके हैं. पांडेय को अखिलेश यादव का करीबी माना जाता है. 1998 में समाजवादी पार्टी से जुड़े पांडेय को 2004 में लखनऊ यूनिवर्सिटी का वाइस प्रेसीडेंट चुना गया था और वह अखिलेश यादव की 'टीम इलेवन' के भी सदस्य हैं. तेज नारायण पांडेय की जनता के बीच विकास के रास्ते पर चलने वाले नेता के रूप में पहचान है. साथ ही फैजाबाद में मेडिकल कॉलेज खुलवाने को लेकर किए गए उनके प्रयासों को भी जनता ने काफी सराहा है.
विकास के एजेंडे पर चलने वाले पांडेय ने 2014 लोकसभा चुनावों में सपा के खराब प्रदर्शन के चलते सरकार से इस्तीफा दे दिया था. पांडेय एक पढ़े लिखे नेता है. उन्होंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से ही अपनी ग्रेजुएशन और बाद में एम.ए (पॉलिटिकल साइंस) की पढ़ाई पूरी की. 2012 विधानसभा चुनावों में तेज नारायण पांडेय के शानदार प्रदर्शन को देखते हुए समाजवादी पार्टी ने 2017 के विधानसभा चुनावों में एक बार फिर उनपर भरोसा जताया है.
2017 विधासभा चुनावों में उनकी टक्कर बीजेपी के वेद प्रकाश गुप्ता से होगी. आपको बता दें कि वेद प्रकाश गुप्ता 2012 में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे और उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
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