पिछले साल बिहार के वैशाली जिले के एक परीक्षा केंद्र की तस्वीर (फोटो : एएफपी)
                                                                                                                        
                                        
                                        
                                                                                पटना: 
                                        बिहार में पिछले साल 10वीं की परीक्षा में बड़े पैमाने पर नकल किए जाने की तस्वीरें देश-विदेश के मीडिया में छाई रही थीं। स्कूल की दीवारों पर चढ़े लोगों की ये तस्वीरें राज्य के लिए बेहद शर्मनाक थीं।
इस बार छात्रों के लिए अहम समझे जाने वाले इस परीक्षा में नकल को रोकने के लिए राज्य सरकार ने कड़े कदम उठाए जाने की घोषणा की है। अब परीक्षा में नकल करते हुए पकड़े गए छात्र पर 20,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके अलावा धांधली रोकने के लिए हाईटेक गैजेट और ज्यादा से ज्यादा सुरक्षाकर्मी की तैनाती करने का फैसला लिया गया है।
शिक्षा विभाग ने 10वीं और 12वीं की क्रमश: फरवरी और मार्च में होने वाली परीक्षाओं में नकल को रोकने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरा लगवाएं और उनका सीधा प्रसारण इंटरनेट पर कराने की व्यवस्था करें। इसके अलावा अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती भी की जाए।
शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने बताया, "हम परीक्षाओं में नकल को और बर्दाश्त नहीं करेंगे। महागठबंधन की सरकार नकलरहित परीक्षा कराने के लिए प्रतिबद्ध है।" चौधरी ने कहा कि अगर कोई नकल की कोशिश करता है तो उसके खिलाफ कड़े कदम उठाए जाएंगे।
(फाइल फोटो)
शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार फरवरी के अंतिम हफ्ते में होने वाली बारहवीं की परीक्षा में 14 लाख परीक्षार्थी शामिल होंगे और मार्च में 10वीं की परीक्षा में 15 लाख परीक्षार्थी शामिल होंगे।
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के चेयरमैन लालकेश्वर प्रसाद सिंह ने बताया कि परीक्षा केंद्र के बाहर सीसीटीवी कैमरा लगे होंगे और परीक्षा केंद्रों के अंदर की वीडियोग्राफी कराई जाएगी और परीक्षा केंद्रों पर हजारों सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की जाएगी।
उन्होंने बताया कि सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों से कहा गया है कि परीक्षा केंद्रों के आसपास परीक्षा शुरू होने से एक घंटा पहले धारा 144 लागू करें और अवैध रूप से लोगों को न इकट्ठा होने दें। खासतौर से परीक्षार्थी के अभिभावकों, रिश्तेदारों और मित्रों को परीक्षा केंद्र से दूर रखा जाए।
राज्य के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने मंगलवार को एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की जिसमें यह निर्णय लिया गया कि अगर किसी केंद्र पर नकल की सूचना मिलती है तो वहां परीक्षा रद्द कर संबंधित अधिकारियों और शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
                                                                        
                                    
                                इस बार छात्रों के लिए अहम समझे जाने वाले इस परीक्षा में नकल को रोकने के लिए राज्य सरकार ने कड़े कदम उठाए जाने की घोषणा की है। अब परीक्षा में नकल करते हुए पकड़े गए छात्र पर 20,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके अलावा धांधली रोकने के लिए हाईटेक गैजेट और ज्यादा से ज्यादा सुरक्षाकर्मी की तैनाती करने का फैसला लिया गया है।
शिक्षा विभाग ने 10वीं और 12वीं की क्रमश: फरवरी और मार्च में होने वाली परीक्षाओं में नकल को रोकने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरा लगवाएं और उनका सीधा प्रसारण इंटरनेट पर कराने की व्यवस्था करें। इसके अलावा अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती भी की जाए।
शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने बताया, "हम परीक्षाओं में नकल को और बर्दाश्त नहीं करेंगे। महागठबंधन की सरकार नकलरहित परीक्षा कराने के लिए प्रतिबद्ध है।" चौधरी ने कहा कि अगर कोई नकल की कोशिश करता है तो उसके खिलाफ कड़े कदम उठाए जाएंगे।

शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार फरवरी के अंतिम हफ्ते में होने वाली बारहवीं की परीक्षा में 14 लाख परीक्षार्थी शामिल होंगे और मार्च में 10वीं की परीक्षा में 15 लाख परीक्षार्थी शामिल होंगे।
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के चेयरमैन लालकेश्वर प्रसाद सिंह ने बताया कि परीक्षा केंद्र के बाहर सीसीटीवी कैमरा लगे होंगे और परीक्षा केंद्रों के अंदर की वीडियोग्राफी कराई जाएगी और परीक्षा केंद्रों पर हजारों सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की जाएगी।
उन्होंने बताया कि सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों से कहा गया है कि परीक्षा केंद्रों के आसपास परीक्षा शुरू होने से एक घंटा पहले धारा 144 लागू करें और अवैध रूप से लोगों को न इकट्ठा होने दें। खासतौर से परीक्षार्थी के अभिभावकों, रिश्तेदारों और मित्रों को परीक्षा केंद्र से दूर रखा जाए।
राज्य के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने मंगलवार को एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की जिसमें यह निर्णय लिया गया कि अगर किसी केंद्र पर नकल की सूचना मिलती है तो वहां परीक्षा रद्द कर संबंधित अधिकारियों और शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
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