बिहार में महागठबंधन के सत्ता के आने के बाद कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने के विपक्ष के आरोपों के बीच बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष विशेश्वर ओझा की शुक्रवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई। ओझा को उस समय गोली मारी गई जब वे एक शादी में शामिल होकर लौट रहे थे।
ओझा जिले की शाहपुर विधानसभा सीट से बीजेपी के उम्मीदवार थे, लेकिन उन्हें चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। उन पर हत्या, लूट और अन्य अपराधों के एक दर्जन से अधिक मामले दर्ज थे।
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पुलिस के मुताबिक, आपसी दुश्मनी इस हत्या का कारण हो सकती है। ओझा 16 मामलों में आरोपी थे। नीतीश कुमार जब बीजेपी के साथ थे तो आपराधिक छवि के चलते ओझा को कभी चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिला। इस दौरान उनके छोटे भाई की पत्नी मुन्नी देवी ने दो बार (वर्ष 2005 और 2010) साहपुर विधानसभा सीट से जीत दर्ज की।
भाजपा ने पिछले वर्ष हुए चुनाव में उन्हें टिकट दिया था, लेकिन आरजेडी उम्मीदवार मुन्ना तिवारी के हाथों उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। भाजपा का कहना है कि छपरा जिले में उसके एक वरिष्ठ नेता केदार सिंह की भी शुक्रवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई।
बिहार में अपहरण और हत्याओं की हाल की घटनाओं के बाद भाजपा लगातार यह आरोप लगा रही है कि राज्य में 'जंगल राज' की वापसी हो गई है और तीसरी बार चुने गए मुख्यमंत्री कानून व्यवस्था की स्थिति सुधारने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहे। जंगल राज शब्द उस समय प्रचलन में आया था जब लालू यादव के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सत्ता में था । गौरतलब है कि आरजेडी और कांग्रेस इस समय जेडीयू के साथ बिहार में सत्ता की साझेदार है।
ओझा की हत्या से पहले पांच फरवरी को पटना के कच्ची दरगाह के पास वैशाली जिले में लोजपा के नेता बृजनाथ सिंह की भी गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। पुलिस अधीक्षक सतबीर सिंह ने बताया कि गुरुवार को सारण जिले के तरैया इलाके में भाजपा कार्यकर्ता केदारनाथ सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी।
भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने पटना में बयान जारी कर बताया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपराध को नियंत्रित करने के लिए बैठक कर रहे हैं लेकिन वास्तविकता यह है कि अपराधी नियंत्रण से बाहर हो गए हैं।
नीतीश कुमार की कानून और व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए तीन दिनों की बैठक पटना में शुक्रवार को समाप्त हो गयी।
लोजपा संसदीय बोर्ड के नेता चिराग पासवान ने धर्मनिरपेक्ष गठबंधन सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जब तक राजद प्रमुख लालू प्रसाद सरकार का हिस्सा रहेंगे, इस तरह की घटनाएं होती रहेंगी क्योंकि वह अपराधियों को संरक्षण देने के लिए जाने जाते हैं।
(इनपुट भाषा से भी...)
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