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This Article is From May 15, 2024

कोटा हासिल करने के बाद भी पेरिस ओलंपिक में पहलवान अमन सहरावत की जगह पर क्यों है सवाल? जानिए

Aman Sehrawat, अमन सहरावत का जन्म 16 जुलाई 2003 को हरियाणा में हुआ था. 20 वर्षीय अमन ने कम उम्र में ही कुश्ती जगत में धमाल मचा दिया है. वे एक युवा भारतीय फ्री स्टाइल पहलवान हैं, जिन्होंने पहलवानी में भारत का नाम काफ़ी रोशन किया है

कोटा हासिल करने के बाद भी पेरिस ओलंपिक में पहलवान अमन सहरावत की जगह पर क्यों है सवाल? जानिए
Aman Sehrawat

Paris 2024 Olympics: हाल ही में, मई 2024 में  भारतीय फ्री स्टाइल पहलवान अमन सहरावत (Aman Sehrawats in Paris 2024 Olympics) ने इस्तानबुल में वर्ल्ड ओलंपिक क्वॉलिफ़िएर्स में जीत हासिल कर के पेरिस ओलंपिक्स 2024 के लिए कोटा हासिल किया है. ऐसा करने वाले अमन भारत के पहले मेल पहलवान भी बन गए हैं. अमन ने वर्ल्ड ओलंपिक क्वॉलिफ़िएर्स में बुल्गारिया के जॉर्जी वेंगेलोव, यूक्रेन के आंद्रेई यत्सेन्को और उत्तर कोरिया के हान चोंग-सो को हराकर कोटा हासिल किया. लेकिन अभी बहुत लोगों को ऐसा लग रहा है कि अगर अमन ने कोटा जीता है तो वही पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे. बता दें कि ऐसा नहीं है, कोटा मिलने के बाद भी इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत की तरफ़ से अमन ही जाएंगे. नियमों के अनुसार कोटा जीतने का मतलब है कि भारत उस विशिष्ट भार वर्ग में पेरिस ओलंपिक में अपना एक पहलवान भेज सकता है. कोटा जीतना किसी व्यक्तिगत पहलवान के स्थान की गारंटी नहीं देता है, इसीलिए अभी भी पेरिस ओलंपिक्स के लिए अमन सुनिश्चित नहीं हैं.

ये हर देश की राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (एनओसी) का निर्णय होता है कि ओलंपिक में उनका प्रतिनिधित्व कौन करेगा. भले ही अमन ने भारत के लिए कोटा हासिल कर लिया है, लेकिन पेरिस ओलंपिक में भाग लेने के लिए उन्हें घरेलू चयन प्रतियोगिता भी जीतनी होगी. चयन के लिए उन्हें कई और अन्य भारतीय पहलवानों के ख़िलाफ़ प्रतिस्पर्धा करना होगा, जो 57 भार वर्ग में भाग लेने के इच्छुक हैं. जिसके बाद ही ये तय होगा की पेरिस ओलंपिक्स 2024 में अमन जाएंगे या नहीं.

अमन सहरावत का जन्म 16 जुलाई 2003 को हरियाणा में हुआ था. 20 वर्षीय अमन ने कम उम्र में ही कुश्ती जगत में धमाल मचा दिया है. वे एक युवा भारतीय फ्री स्टाइल पहलवान हैं, जिन्होंने पहलवानी में भारत का नाम काफ़ी रोशन किया है. निरंतर परिश्रम और मार्गदर्शन की बदौलत ही अमन आज इस मुक़ाम पर हैं. अमन ने साल 2021 में अपनी पहली राष्ट्रीय चैंपियनशिप का ख़िताब जीता था, जिसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा. अमन ने साल 2022 में एशियाई खेलों में 57 किलो वर्ग में कांस्य (ब्रोंज) पदक जीता था और उसके बाद साल 2023 के अप्रैल महीने में अमन ने अस्ताना, कज़ाकिस्तान में एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण (गोल्ड) पदक हासिल किया था.

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