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This Article is From Aug 14, 2024

Vinesh Phogat Case Update: क्या मेडल मिलेगा? जानिए 16 तारीख विनेश फोगाट के लिए क्यों है शुभ

Vinesh Phogat: CAS के द्वारा फोगाट मामले में अब फैसला 16 अगस्त को भारतीय समयानुसार रात 9:30 बजे सुनाया जाएगा.

Vinesh Phogat Case Update: क्या मेडल मिलेगा? जानिए 16 तारीख विनेश फोगाट के लिए क्यों है शुभ
Vinesh Phogat CAS Verdict

CAS on Vinesh Phogat Verdict: खेल पंचाट (CAS) के तदर्थ प्रभाग ने मंगलवार को विनेश फोगाट की पेरिस ओलंपिक में फाइनल से पहले अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ अपील पर फैसला बिना कोई कारण दिये फिर 16 अगस्त तक स्थगित कर दिया जिससे इस भारतीय पहलवान के भाग्य पर संदेह बरकरार है. खेल पंचाट को सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मंगलवार को फैसला सुनाना था लेकिन इसे बिना कोई कारण बताये फिर तीसरी बार टाल दिया गया. जिसकी वजह से अब इंतजार बढ़ गया है. भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की विज्ञप्ति के अनुसार, ‘‘खेल पंचाट के तदर्थ प्रभाग के अध्यक्ष ने विनेश फोगाट बनाम यूनाईटेड विश्व कुश्ती (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति मामले में एकमात्र मध्यस्थ डॉ. एनाबेले बेनेट को अपना फैसला सुनाने के लिए शुक्रवार 16 अगस्त 2024 पेरिस समय के अनुसार शाम छह बजे (भारतीय समयानुसार रात साढ़े नौ बजे) तक अनुमति दी है.''

विनेश के लिए 16 तारीख को ऐसा संयोग

विनेश फोगाट पर मंगलवार की रात 9:30 पर CAS का फैसला आने वाला था लेकिन अब ये फैसला 16 अगस्त को भारतीय समयानुसार रात 9:30 पर आएगा, जिसके बाद से एक उम्मीद की किरण विनेश फोगाट मामले में जगती हुई दिखाई दे रही है ऐसा इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि ऐसे मामलों में अमूमन देखा गया है की जल्द से जल्द सुनवाई करके फैसला सुना दिया जाता है, लेकिन विनेश के मामले में आखिरी वक्त में फैसले को टालना एक शुभ संकेत भी माना जा सकता है, अब अगले तीन दिन तक भारतीय फैंस और विनेश फोगाट को फैसले के लिए इंतज़ार करना पड़ेगा.

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ऐसे टूटा था गोल्ड मेडल का सपना

पिछले मंगलवार को जापान की युई सुसाकी के खिलाफ जीत सहित तीन जीत के साथ महिलाओं की 50 किग्रा फ्रीस्टाइल स्पर्धा के फाइनल में पहुंचने वाली विनेश को अंतत: स्वर्ण पदक जीतने वाली अमेरिका की सारा हिल्डेब्रांट के खिलाफ खिताबी मुकाबले से बाहर कर दिया गया क्योंकि सुबह वजन करते समय उनका वजन निर्धारित सीमा से 100 ग्राम अधिक पाया गया. विनेश फोगाट ने पिछले बुधवार को खेल पंचाट में इस फैसले के खिलाफ अपील की और मांग की कि उसे क्यूबा की पहलवान युस्नेलिस गुजमेन लोपेज के साथ संयुक्त रजत पदक दिया जाए. लोपेज सेमीफाइनल में विनेश से हार गई थी लेकिन बाद में भारतीय पहलवान को अयोग्य घोषित किए जाने के बाद उन्हें फाइनल में जगह मिली.

जब विनेश ने की थी संन्यास की घोषणा

अयोग्य ठहराए जाने के एक दिन बाद विनेश ने खेल से संन्यास की घोषणा करते हुए कहा कि उसके पास खेल जारी रखने की ताकत नहीं है. हालांकि दुनिया भर के दिग्गज खिलाड़ियों ने इस 29 वर्षीय पहलवान का समर्थन किया है जो अपने तीसरे ओलंपिक खेलों में भाग ले रही थी. विनेश की कानूनी टीम में फ्रांसीसी वकील जोएल मोनलुइस, एस्टेले इवानोवा, हैबिन एस्टेले किम और चार्ल्स एमसन थे जिन्होंने आवेदन दाखिल करने के दौरान उनकी और भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की मदद की. उनकी सेवाएं पेरिस बार द्वारा मुहैया कराई गई हैं और वे मामले को निःशुल्क संभाल रहे हैं.

इसके अलावा वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे और विदुषपत सिंघानिया को मामले में उनकी मदद के लिए जोड़ा गया है. दिलचस्प बात यह है कि आईओए ने अपनी अध्यक्ष पीटी उषा और साल्वे के साथ एक ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए ठीक उसी समय का निमंत्रण भेजा था जिस समय आज शाम फैसला आने की उम्मीद थी. खेल पंचाट के बयान के कुछ ही मिनटों के भीतर उस निमंत्रण को वापस ले लिया गया.

IOC अध्यक्ष थॉमस बाक ने फोगाट मामले पर कहा

अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) के अध्यक्ष थॉमस बाक ने शुक्रवार को कहा कि ओलंपिक फाइनल से अयोग्य करार दिये जाने के फैसले को खेल पंचाट में चुनौती देने वाली विनेश फोगट के लिए उन्हें 'सहानुभूति' है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि कुछ स्थितियों में छोटी रियायतें देने के बाद कोई सीमा कहां खींचेगा. बाक ने कहा, ‘‘मुझे उस पहलवान के लिए सहानुभूति है; यह स्पष्ट रूप से एक मानवीय टच है.''

उन्होंने कहा, ‘‘अब, यह अपील खेल पंचाट में है. हम अंत में खेल पंचाट के फैसले का पालन करेंगे. लेकिन फिर से, अंतरराष्ट्रीय (कुश्ती) महासंघ को अपनी व्याख्या, अपने नियम लागू करने होंगे. यह उनकी जिम्मेदारी है. ''

यूनाईटेड विश्व कुश्ती प्रमुख नेनाद लालोविच ने कहा 

यूनाईटेड विश्व कुश्ती प्रमुख नेनाद लालोविच को नतीजे में बदलाव को लेकर संदेह था क्योंकि वे केवल नियमों का पालन कर रहे थे. लालोविच ने कहा, ‘‘जो कुछ हुआ उसके लिए मुझे बहुत खेद है, लेकिन आपके देश का आकार कोई भी हो, एथलीट तो एथलीट ही होते हैं. यह वजन मापना सार्वजनिक था, सभी ने देखा कि क्या हुआ. हम किसी को प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति कैसे दे सकते हैं जब हम सभी ने देखा कि क्या हुआ.'' उन्होंने कहा था, ‘‘हमारे पास अपने नियमों का पालन करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है.''

(भाषा के इनपुट के साथ)

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