India vs Germany Bronze medal: तोक्यो में जारी ओलिंपिक 2020 खेलों में वीरवार को भारत ने ओलिंपिक में 41 साल का सूखा खत्म करते हुए जर्मनी को 5-4 से हराकर कांस्य पदक जीत लिया है. एक समय भारतीय टीम मुकाबले में 1-3 से पिछड़ रही थी, लेकिन दूसरे क्वार्टर में भारत ने मुकाबले को 3-3 की बराबरी पर ला दिया. और तीसरे क्वार्टर में भारत ने इस बढ़त को 5-3 करके बहुत हद तक कांस्य सुनिश्चित कर दिया. यहां से जर्मनी ने एक गोल के अंतर को कम जरूर किया, लेकिन वह 5-4 की बढ़त से आगे नहीं जा सकी. जर्मनी को मैच के आखिरी मिनट में पेनल्टी कॉर्नर मिला, लेकिन इसे गोलची श्रीजैश ने निस्तेज कर दिया और इसी के साथ पूरा भारत झूम उठा. कांस्य पक्का हो गया.
From dreaming of a medal to finishing on the podium it's been an emotional journey for the #IND men's #hockey team
— #Tokyo2020 for India (@Tokyo2020hi) August 5, 2021
Relive it #Tokyo2020 | #UnitedByEmotion | #StrongerTogether | #Bronze pic.twitter.com/GB8Fi9AfdH
भारत ने आखिरी बार 1980 में मॉस्को ओलिंपिक में पदक जीता था, जो स्वर्ण के रूप में आया था. चौथे क्वार्टर की शुरुआत में ही जर्मनी ने पेनल्टी कॉर्नर को भुनाते हुए गोल दागकर भारत की बढ़त का अंतर कम करते हुए 5-4 कर दिया था. इससे पहले भारत ने तीसरे क्वार्टर की शुरुआत में दो गोल दागकर खुद को 5-3 से आगे कर लिया था और यह बढ़त क्वार्टर के खत्म होने तक बरकरार रही. एक समय भारत 3-2 से पिछड़ रहा था, लेकिन भारत ने जबर्दस्त वापसी करते हुए खुद को आगे कर कर लिया. तीसरे क्वार्टर की शुरुआत में पेनल्टी स्ट्रोक को गोल में बदलकर जबर्दस्त वापसी करते हुए भारत ने 4-3 से बढ़त बनाई, तो थोड़ी ही देर बाद सिमरनजीत ने मैदानी गोल दागकर स्कोर को 5-3 कर दिया. इससे पहले भारत ने दूसरे क्वार्टर की समाप्ति पर मुकाबले को 3-3 से बराबरी पर ला दिया था.
— Hockey India (@TheHockeyIndia) August 5, 2021
TEAM INDIA HAVE WON THE BRONZE MEDAL IN #Tokyo2020!#GERvIND #HaiTayyar #IndiaKaGame #TeamIndia #TokyoTogether #StrongerTogether #HockeyInvites #WeAreTeamIndia #Hockey pic.twitter.com/qWWOFLL0qv
मैच पहला गोल जर्मनी ने ही किया था, भारत के लिए बराबरी का गोल सिमरनजीत सिंह ने किया था, लेकिन इसके बाद जमर्नी ने चंद मिनटों के भीतर ही दो गोल दागकर भारत पर 3-1 की बढ़त बनायी. बहरहाल भारत ने जल्द ही दूसरा गोल करके बढ़त के अंतर को 2-3 कर दिया. थोड़ी ही देर बाद भारत ने फिर पेनल्टी कॉर्नर को भुनाते हुए गोल दागकर मुकाबला 3-3 से बराबर कर दिया, जो दूसरा क्वार्टर खत्म होने तक बरकरार रहा. दूसरे क्वार्टर के बाद तक दोनों टीमों को चार-चार पेनल्टी कॉर्नर मिले. जहां जर्मन टीम एक भी पेनल्टी कॉर्नर को गोल में नहीं बदल सकी, तो वहीं भारत ने चार में से दो को गोल में बदला.
GET. SET. CHAK DE. ????????
— Hockey India (@TheHockeyIndia) August 5, 2021
Let's do this.
???????? 0:0 ????????https://t.co/FEfTJeTHxK#GERvIND #HaiTayyar #IndiaKaGame #Tokyo2020 #TeamIndia #TokyoTogether #StrongerTogether #HockeyInvites #WeAreTeamIndia #Hockey pic.twitter.com/WhOPVq94Eu
चौथा क्वार्टर: आखिरी मिनट में श्रीजैश का धमाल, भारत ने किया कांस्य टेस्ट पास!
आखिरी क्वार्टर की शुरुआत में जर्मनी को पेनल्टी कॉर्नर मिला. भारतीय डिफेंडरों की लय यहां पिछले प्रयासों जैसी दिखायी नहीं पड़ी और विंडफेडर ने खेल के 48वें मिनट में मिले इस पेनल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील करके भारत की बढ़त के अंतर को कम करते हुए स्कोर को 5-4 कर दिया. खेल के 51वें मिनट में संभवत: भारत को मैच का सबसे बेहतरीन मौका मिला था, जब मनप्रीत गेंद को अकेले धकेलते हुए जर्मनी के डी में पहुंच गए. मनप्रीत के आस-पास कोई भी जर्मनी खिलाड़ी नहीं था. और वह मीलों आगे थे! लेकिन डी के पास पहुंचने पर वह सही निशाना नहीं लगा सके और उनकी लेफ्ट फ्लिक गोलची की छाती से जा टकरायी.
यहां से जर्मनी के हमलों में तेजी आयी और कुछ मिनट बाद उसे पेनल्टी कॉर्नर भी मिला. भारतीय फैंस की धड़कने बढ़ चुकी थीं, लेकिन गोलची श्रीजैश ने इस पेनल्टी कॉर्नर को बेकार कर दिया. राहत की सांस फैंस में लौटी! लेकिन धड़कनें एक बार फिर से अटक गयीं, जब खेल के आखिरी और 60वें मिनट में जर्मनी को पेनल्टी कॉर्नर मिला, लेकिन गोलची श्रीजैश ने सबसे जरूरी पलों में इस पेनल्टी कॉर्नर को निस्तेज करके कांस्य पदक सुनिश्चित करने के साथ ही करोड़ों भारतीयों को झूमने पर मजबूर कर दिया.
तीसरा क्वार्टर: भारत की धूम, जर्मनी पर बना ली 5-3 की बढ़त
मानो जो पेनल्टी कॉर्नर का वरदान दूसरे क्वार्टर में जर्मनी को दूसरे क्वार्टर में मिला था, इसकी भरपायी एक तरह से तीसरे क्वार्टर की शुरुआत में भारत के लिए हो गयी. तीसरे क्वार्टर की शुरुआत में भारत ने हमला बोला. डी में खिलाड़ी पहुंचे और हासिल कर लिया पेनल्टी स्ट्रोक. जमर्नी ने रेफरल लिया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ, पर रुपेंद्र पाल सिंह ने इस स्ट्रोक को गोल में बदलकर भारत को 4-3 से आगे कर दिया. वास्तव में पेनल्टी स्ट्रोक की इससे बेहतर टाइमिंग नहीं ही हो सकती थी. सोचिए जो टीम 3-1 से पिछड़ रही थी, वह 4-3 से आगे हो गयी. भारतीयों के तेवर बदल गए. खिलाड़ियों की बॉडी लैंग्वेज बदल गयी. और शारीरिक स्पीड के साथ ही हमलों की भी गति बढ़ गयी. और पेनल्टी स्ट्रोक के गोल में बदलने के दो मिनट बाद ही खेल के 34वें मिनट में सिमरनजीत सिंह ने अपना दूसरा मैदानी और भारत के लिए पांचवां गोल करके टीम को 5-3 की बढ़त पर ला दिया.
तीसरा क्वार्टर खत्म होने से चंद मिनट पहले ही भारत को एक के बाद एक तीन पेनल्टी कॉर्नर मिले, लेकिन इसका फायदा भारतीय खिलाड़ी नहीं उठा सके और बढ़त 5-3 पर ही अटकी रही. इसके बाद इतने ही पेनल्टी कॉर्नर जर्मनी को भी मिले, लेकिन भारतीय डिफेंडर बीस साबित हुए और भारत ने अपनी बढ़त पर कोई असर नहीं पड़ने दिया. यहां से बाकी बचे करीब तीन मिनट में जर्मनी खिलाड़ियों ने जी-जान लगा दी. डी में भी एक-दो बार पहुंचे, लेकिन गोल करने में सफलता नहीं ही मिली. भारत तीसरे क्वार्टर के बाद 5-3 की बढ़त पर बरकरार.
दूसरा क्वार्टर: भारत की जबर्दस्त वापसी, मुकाबला 3-3 से बराबरी पर आया
दूसरे क्वार्टर की शुरुआत में वही तस्वीर देखने को मिली, जो पहले क्वार्टर के शुरुआती पलों में देखने को मिली थी. अंतर यह था कि इस बार काम को अंजाम भारत ने दिया. जर्मन दूसरे क्वार्टर ने उतरे ही थे कि भारतीयों ने हमला बोल दिया. भारतीयों की बॉडी लैंग्वेज पहले से बेहतर थी और गेंद को खदेड़ते हुए गेंद को के पाले में ले गए. और 17वें मिनट में सिमरनजीत का प्रचंड प्रहार जर्मनी के गोलपोस्ट में समा गया. इसी के साथ भारत मुकाबले में 1-1 की बराबरी पर आ गया. लेकिन गोल दागते ही भारतीय खिलाड़ी संतुष्ट या लयविहीन दिखायी पड़े. डिफेंस पूरी तरह से बिखरा, टूटा हुआ और उत्साहविहीन दिखायी पड़ा. जर्मनी ने खेल के 24वें मिनट में मूव बनाया.
India make a comeback into the game with 3⃣ wonderful goals in the second quarter.
— Hockey India (@TheHockeyIndia) August 5, 2021
It's going to be an exciting second half.#GERvIND #HaiTayyar #IndiaKaGame #Tokyo2020 #TeamIndia #TokyoTogether #StrongerTogether #HockeyInvites #WeAreTeamIndia #Hockey pic.twitter.com/7r0YkGPH0H
मूव क्या बनाया कहें कि भारतीयों ने अपने कंट्रोल से गेंद गंवा दी. और एन विलेन ने 24वें मिनट में बेहतरीन गोल दागकर जर्मनी को 2-1 से आगे कर दिया. भारतीय टीम इस झटके से संभली भी नहीं थी कि बी. फर्क ने एक ओर मैदानी गोल दागकर जर्मनी को 3-1 से आगे करते हुए भारतीयों के चेहरे पर मुर्दनी परोस दी. लेकिन असल पिक्चर अभी बाकी थी. भारतीयों ने अपनी बॉडी लैंग्वेज पर इस बढ़त का असर नहीं पड़ने दिया. एक तरह से साइलेंट हमले, गति पहले से ज्यादा तेज. परिणाम देखने को मिला. भारत को दूसरे क्वार्टर के आखिरी पलों में 27वें और 29वें मिनट में दो पेनल्टी कॉर्नर मिले. पहले हार्दिक सिंह ने इसे गोल में बदल बढ़त को 2-3 किया, तो दो मिनट बाद ही हरमनप्रीत सिंह ने पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलकर दूसरे मुकाबले को 3-3 की बराबरी पर ला दिया और यह स्थिति क्वार्टर के खत्म होने तक बरकरार रही.
पहला क्वार्टर: जर्मनी का जबर्दस्त दबदबा, मिला पेनल्टी कॉर्नर का वरदान!
खेल शुरू होते ही जर्मनी ने भारत पर हमला बोल दिया और देखते ही देखते उसके खिलाड़ी कब डी में पहुंच गए, भारतीयों को पता ही नहीं चला और ओरुट टी ने दूसरे ही मिनट के भीतर मैदानी गोल दागकर जर्मनी को 1-0 की बढ़त दिला दी. इस गोल ने भारतीयों को मानों नींद से जगा दिया और टीम मनप्रीत ने भी जर्मनी पर पलटवार किया. और भारत ने 5वें मिनट में ही पेनल्टी कॉर्नर हासिल कर लिया, लेकिन निराशाजनक बात यह रही कि भारत इसे गोल में तब्दील नहीं कर कर सके. वहीं, जर्मनी एक बार फिर से 7वें मिनट में गोल करने से चूक गया या कहें भारतीय गोलकीपर श्रीजैश की तत्परता ने गोल होने से बचा लिया, जब डी में खड़े जर्मन खिलाड़ी से डिफलैक्ट होकर गेंद गोलपोस्ट में जाने ही वाली थी कि श्रीजैश ने तेजी से हाथ से गेंद को बाहर झटक दिया. जर्मनी ने 9वें मिनट में फिर से अच्छा मूव बनाया, लेकिन श्रीजैश ने इस हमले को भी बेकार कर दिया. क्वार्टर के आखिरी पलों में भारतीय खिलाड़ी लय में नजर आए और अच्छा मूव बनाया, लेकिन कामयाबी नहीं मिली. क्वार्टर खत्म से ठीक पहले जर्मनी ने भी पलटवार किया और हूटर बजा, तो जर्मनी ने रेफरल मांग लिया और इसका फायदा जर्मनी को मिला, जब रेफरल के बाद जर्मनी को पेनल्टी कॉर्नर दे दिया गया, लेकिन भारतीय डिफेंस ने इसे खारिज तो किया, लेकिन गेंद अमितु दास के पैर पर लगी. नतीजा यह रहा कि जर्मनी को फिर से पेनल्टी कॉर्नर मिल गया. मगर बात यहीं खत्म नहीं हुयी. जर्मनी को एक के बाद एक तीसरा पेनल्टी कॉर्नर अंपायर ने दिया. और चौथा भी पेनल्टी कॉर्नर मिला. मानो जर्मनी को किसी ने पेनल्टी कॉर्नर का वरदान दे दिया हो! मगर भारतीय डिफेंडरों ने जर्मनी के एक के बाद एक मिले लगातार चारों पेनल्टी कॉर्नर को गला दिया. बहरहाल, कुल मिलाकर पहले क्वार्टर में जर्मनी का जबर्दस्त दबदबा रहा और गेंद पर उसी के खिलाड़ियों का कब्जा रहा.
VIDEO: लवलीना ने बुधवार को कांस्य पदक जीता और उनके घर जश्न का माहौल है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं