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This Article is From Aug 04, 2024

लक्ष्य सेन कैसे एक एक कर अपने विरोधियों को चटा रहे हैं धूल? खुल गया राज, मां का जादू पेरिस में भी चला

Lakshya Sen Eat Food Cooked by His Mother: आपको जानकर हैरानी होगी कि लक्ष्य सेन को परोसा जाने वाला भोजन पूरी तरह से भारतीय नहीं होता है. मुख्य भोजन में वह हल्के मसालेदार चिकन नूडल सूप लेते हैं.

लक्ष्य सेन कैसे एक एक कर अपने विरोधियों को चटा रहे हैं धूल? खुल गया राज, मां का जादू पेरिस में भी चला
Lakshya Sen

Lakshya Sen Eat Food Cooked by His Mother: भारतीय बैडमिंटन स्टार लक्ष्य सेन आज (4 जुलाई) इतिहास रचने के लिए बेकरार हैं. सेमी फाइनल में उनका मुकाबला डेनमार्क के अनुभवी खिलाड़ी विक्टर एक्सेलसेन के साथ है. महत्वपूर्ण मुकाबले के लिए उनका परिवार भी पेरिस में मौजूद है. उन्होंने अपने पूरे परिवार को पोर्टे डे ला चैपल एरिना में ठहराया हुआ है. यहीं से उन्हें रोजाना का खाना भी तैयार होकर पहुंचता है.

पेरिस ओलंपिक में जरुर लक्ष्य सेन अपना जलवा बिखेर रहे हैं, लेकिन उनकी इस बड़ी सफलता में कहीं न कहीं उनकी मां का भी अहम योगदान है. वह डेली अपने बेटे के लिए अपने हाथ से खाना बना रही हैं. जिससे उन्हें किसी प्रकार की दिक्कत का सामना ना करना पड़ा. सेन की मां उनके पिता धीरेंद्र कुमार और भाई चिराग के साथ पिछले एक महीने से पेरिस में हैं. 

आपको जानकर हैरानी होगी कि लक्ष्य सेन को परोसा जाने वाला भोजन पूरी तरह से भारतीय नहीं होता है. मुख्य भोजन में वह हल्के मसालेदार चिकन नूडल सूप लेते हैं. इस सूप को उनकी मां जिनका नाम निर्मला है खुद तैयार करती हैं. सेन की मां टूर्नामेंट के दौरान हमेशा सुनिश्चित करना चाहती हैं कि उन्हें घर जैसा खाना ही खाने को मिले.

लक्ष्य बेंगलुरु में प्रशिक्षण के दौरान अक्सर 6 से 7 बार हल्की मात्र में भोजन करना पसंद करते थे. दोपहर के खाने में नूडल सूप, चिकन और स्टॉक में पकाई गई सब्जियां होती हैं. कभी चिकन स्टेक या फिर चिकन के साथ पास्ता भी शामिल होता है. 

ओलंपिक में शिरकत करने से पूर्व स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी ने इंडियन एक्सप्रेस के साथ खास चर्चा की थी. इस दौरान उन्होंने बताया था कि मेरी पोषण विशेषज्ञ मेरी मां हैं. हम अक्सर साथ मिलकर खाने बनाते हैं.

टूर्नामेंट के दौरान उनके फिजियो की नजर लगातार उनपर बनी हुई है. वह हर घंटे उनके बॉडी और जल-पूर्ति की जांच करते रहते हैं. सेन के कोच विमल कुमार का के मुताबिक हमने टूर्नामेंट से पहले कोशिश की कि उनकी मां उनके साथ रहे. जिससे वह खुद को सहज महसूस कर सके. कोच के फैसले का असर भी दिखा रहे हैं. उन्होंने इतिहास रचते हुए सेमी फाइनल तक सफर तय कर लिया है.

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