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गुकेश का बड़ा बयान, सभी प्रारूपों में खेलने के लिए तैयार हूं, लेकिन क्लासिकल शतरंज हमेशा राज करेगा

Gukesh Dommaraju Big Statement: गुकेश का कहना है कि फ्रीस्टाइल शतरंज जहां रोमांच पैदा करता है वहीं अपने समृद्ध इतिहास के साथ क्लासिकल शतरंज हमेशा सबसे महत्वपूर्ण बना रहेगा.

गुकेश का बड़ा बयान, सभी प्रारूपों में खेलने के लिए तैयार हूं, लेकिन क्लासिकल शतरंज हमेशा राज करेगा
Gukesh Dommaraju

Gukesh Dommaraju Big Statement: शतरंज के बदलते परिदृश्य से बेफिक्र मौजूदा विश्व चैंपियन डी गुकेश सभी प्रारूपों में प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि फ्रीस्टाइल शतरंज जहां रोमांच पैदा करता है वहीं अपने समृद्ध इतिहास के साथ क्लासिकल शतरंज हमेशा सबसे महत्वपूर्ण बना रहेगा. शतरंज में अभी दो वर्ग सामने आ रहे हैं. इनमें एक वर्ग जहां फ्रीस्टाइल का समर्थक है तो दूसरा वर्ग क्लासिकल शतरंज के प्रति वफादार बना हुआ है. इससे शतरंज में विभाजन की संभावना बन गई है. पिछले साल चीन के डिंग लिरेन को हराकर विश्व चैंपियन बनने वाले गुकेश को नहीं लगता है की शतरंज दो गुट में बंट जाएगा.

गुकेश ने यहां इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2025 में कहा, 'मैं इसके बारे में ज्यादा नहीं सोचता. फ्रीस्टाइल काफी रोमांचक है और मैं इसमें खेल कर खुश हूं. लेकिन यह कहना जल्दबाजी होगी कि यह तेजी से आगे बढ़ रहा है. फ्रीस्टाइल में अभी तक केवल दो ही बड़े टूर्नामेंट हैं.' उन्होंने कहा, 'मैं चाहता हूं कि फ्रीस्टाइल सशक्त हो जाए लेकिन मुझे नहीं लगता कि यह शतरंज के मूल प्रारूप पर हावी हो जाएगा. क्लासिकल शतरंज का इतिहास और विरासत इसे और अधिक महत्वपूर्ण बनाती है.'

गुकेश ने कहा, 'क्लासिकल, रैपिड और ब्लिट्ज के साथ फ्रीस्टाइल का जुड़ना खेल के लिए अच्छा है लेकिन यह देखना बाकी है कि यह प्रारूप कैसे आगे बढ़ता है. मैं सभी प्रारूपों में खेलने के लिए तैयार हूं.' गुकेश ने इसके साथ ही सात से 14 अप्रैल तक होने वाले फ्रीस्टाइल शतरंज ग्रैंड स्लैम टूर के पेरिस चरण के लिए अपनी भागीदारी की पुष्टि की. विश्व के नंबर एक खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन और गुकेश उन चोटी के 12 ग्रैंडमास्टर में शामिल है जिन्होंने 750,000 डॉलर की पुरस्कार राशि वाले पेरिस चरण में भाग लेने की पुष्टि की है.

इस भारतीय खिलाड़ी के लिए विश्व चैंपियन बनने तक की राह आसान नहीं रही और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में खेलने के लिए उन्हें अपने करीबी लोगों से भी पैसा जुटाना पड़ता था. गुकेश ने कहा, 'मुझे याद है कि मेरे माता-पिता के दोस्त मुझे विदेश में टूर्नामेंट खेलने के लिए प्रायोजित कर रहे थे. उस समय यह काफी मुश्किल था और हमें बहुत-बहुत अच्छे और निस्वार्थ लोगों से बहुत मदद मिली. पिछला साल हमारे लिए आर्थिक रूप से बहुत अच्छा था.'

उन्होंने कहा कि परिस्थितियों में बदलाव से न केवल उन्हें बल्कि उनके परिवार को भी राहत मिली है. गुकेश ने कहा. 'मुझे लगता है कि यह मेरे लिए बहुत मायने रखता है कि मेरे माता-पिता को अब पैसे के बारे में सोचने की जरूरत नहीं है. अब हमें पहले की तरह संघर्ष नहीं करना पड़ रहा है और हम आरामदायक जिंदगी जी सकते हैं.'

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