
भारत के सबसे कामयाब गॉल्फ़र में से एक जीव मिल्खा सिंह (Jeev Milkha Singh) ने क्यों सोचा था कि वो अब कभी गॉल्फ़ नहीं खेलेंगे. जीव सीनियर मेजर के लिए क्वालिफ़ाई करने वाले पहले भारतीय गॉल्फ़र बन गये हैं. NDTV संवाददाता विमल मोहन से नारिटा, जापान से ख़ास Exclusive बात करते हुए जीव कहते हैं कि गॉल्फ़ में ये भारत का गोल्डन टाइम है. Exclusive Interview with Jeev Milkha Singh by Vimal Mohan NDTV, First Indian Golfer To Qualify For Major)
प्रश्न: आप सीनियर मेजर्स के लिए क्वालीफाई करने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं.भारतीय गोल्फ के लिए इसका क्या अर्थ है?
जीव मिल्खा सिंह: मुझे लगता है, गोल्फ ही एकमात्र ऐसा खेल है जो आपको 50 साल की उम्र में दूसरा मौका देता है. यदि आप लंबी अवधि के लिए नियमित गोल्फ खेलते हैं और कुछ अच्छे टूर्नामेंट जीतते हैं, तो आपको सीनियर में खेलने का मौका मिल सकता है. प्रमुख टूर्नामेंट, मुझे लगता है, मैं खुशनसीब हूं जिसे दोबारा खेलने का मौका मिला है. मैं अपने देश और अपने माता-पिता के लिए फिर से कुछ खिताब जीतने की पूरी कोशिश करूंगा.
प्रश्न: अदिति अशोक, अनिरबन लाहिड़ी और आप जैसे खिलाड़ियों के साथ, गोल्फ हाल के वर्षों में पहले से कहीं अधिक बार सुर्खियों में रहा है? क्या आपको लगता है कि यह भारतीय गोल्फ के लिए सबसे अच्छा युग है?
जीव मिल्खा सिंह: बेशक, आप सही कह रहे हैं. मैं कहूंगा कि यह भारतीय गोल्फ के लिए स्वर्णिम समय है. हमारे युवाओं में अपार क्षमता और प्रतिभा, खासकर अदिति अशोक और अनिर्बान लाहिड़ी जैसे खिलाड़ी किसी भी स्तर पर खिताब जीत सकते हैं.
यहां क्लिक कर खेलों की सभी Latest Update के लिए अभी NDTV SPORTS Hindi को सब्सक्राइब करें
प्रश्नः भारत ने अब तक पिछले एशियाई खेलों में गोल्फ में केवल 3 स्वर्ण और 3 रजत पदक जीते हैं? आप आने वाले एशियाड (हांग्जो, चीन 10 सितंबर- 25 सितंबर, 2022) में भारतीय अनुयायियों से क्या उम्मीद करते हैं?
जीव मिल्खा सिंह : इस बार एशियाई खेलों के नियमों में बदलाव किया गया है. इस बार टीम में करीब दो प्रोफेशनल और दो शौकिया खिलाड़ियों को खेलने की इजाजत दी गई है. इस परिदृश्य में, भारत के पास शीर्ष स्तर पर प्रदर्शन करने का बहुत अच्छा मौका है. एशियाई गोल्फर बहुत अच्छे हैं, ऐसे में कड़ा मुकाबला होगा. लेकिन मुझे लगता है कि भारत इस बार गोल्फ के जरिए एशियाई खेलों में गोल्ड जीत सकता है.
बॉलीवुड स्टार R माधवन के बेटे ने लहराया तिरंगा, डेनिश ओपन स्विमिंग में जीता सिल्वर, बोले- गर्व है..'
सवाल: अदिति और अनिर्बान जैसे खिलाड़ी खुले तौर पर कहते हैं कि उन्होंने व्यवस्था के बावजूद प्रदर्शन किया है? क्या आपको लगता है कि गोल्फ और तथाकथित खेल प्रणाली या खेल मंत्रालय के बीच एक तरह का संचार अंतर है?
जीव मिल्खा सिंह: यह सच है, एक तरह का कम्युनिकेशन गैप जरूर है. मुझे लगता है कि इस खेल में भारत के पास काफी संभावनाएं हैं. सरकार को और अधिक ड्राइविंग रेंज और कुछ गोल्फ कोर्स बनाने चाहिए ताकि आम लोग इस खेल को खेल सकें. इस देश में 1 अरब से अधिक आबादी के साथ कौन जानता है कि हम कितने चैंपियन पैदा कर सकते हैं.
प्रश्न: आप अपने माता-पिता की मृत्यु के बाद वापसी कर रहे हैं? अगर मिल्खा सिंह सर जिंदा होते तो उन्हें आप पर गर्व होता.
जीव मिल्खा सिंह: हां, पांच दिनों के अंतराल में मेरे माता-पिता दोनों की मृत्यु हुई, कोविड के कारण, मैंने सोचा कि मैं इस खेल को फिर कभी नहीं खेलूंगा. लेकिन 6 महीने के समय और सीनियर मेजर के यहां खेलने का मौका मिलने के बाद मैंने सोचा कि मुझे इसे अपने लिए नहीं खेलना चाहिए, मैंने अपने माता-पिता और अपने देश के लिए खेलने का फैसला किया है. मैं अपने देश और अपने माता-पिता को फिर से गौरवान्वित महसूस कराना चाहता हूं.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं