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"उनकी मृत्यु कैसे, कहां और क्यों हुई?..." फिलिस्तीनी पेले के निधन पर मोहम्मद सालाह ने पूछा तीखा सवाल

Mohamed Salah on Pele of Palestine: मिस्त्र के पेशेवर फुटबॉलर मोहम्मद सालाह ने "फिलिस्तीन के पेले" के नाम से मशहूर फुटबॉलर के निधन पर सवाल उठाते हुए फिलिस्तीन का समर्थन किया है.

"उनकी मृत्यु कैसे, कहां और क्यों हुई?..." फिलिस्तीनी पेले के निधन पर मोहम्मद सालाह ने पूछा तीखा सवाल
Mohamed Salah: 'फिलिस्तीनी पेले' के निधन पर मोहम्मद सालाह का तीखा सवाल
  • मोहम्मद सालाह ने फिलिस्तीन के पेले सुलेमान अल-ओबेद के निधन पर सवाल उठाए हैं.
  • सुलेमान अल-ओबेद का निधन इजरायली बलों के हमले के दौरान हुआ, जब नागरिक मानवीय सहायता की प्रतीक्षा कर रहे थे.
  • यूईएफए ने अल-ओबेद को श्रद्धांजलि दी, जिन्हें बच्चों को आशा देने वाली प्रतिभा के रूप में याद किया गया है.
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मिस्त्र के पेशेवर फुटबॉलर मोहम्मद सालाह ने "फिलिस्तीन के पेले" के नाम से मशहूर फुटबॉलर के निधन पर सवाल उठाते हुए फिलिस्तीन का समर्थन किया है. फिलिस्तीन फुटबॉल एसोसिएशन के अनुसार, सुलेमान अल-ओबेद, जो फिलिस्तीन के पेले के नाम से फेमल है, उनका बुधवार को निधन हो गया. दावा है कि जब मानवीय सहायता की प्रतीक्षा कर रहे नागरिकों पर इजरायली बलों ने हमला किया था, और इस दौरान सुलेमान अल-ओबेद भी मारे गए. 

यूईएफए के अधिकारिक एक्स अकाउंट से अल-ओबेद के निधन की जानकारी साझा की गई. जिसके बाद मोहम्मद सालाह ने तीखा सवाल पूछते हुए कहा कि क्या आप हमें बता सकते हैं कि उनकी मृत्यु कैसे, कहां और क्यों हुई? प्रीमियर लीग लिवरपूल के लिए खेलने और मिस्त्र की राष्ट्रीय टीम के कप्तान मोहम्मद सालाह उन चुनिंदा नामों सें से एक हैं, जो लगातार गाजा और फिलिस्तीन के मुद्दे पर सवाल उठा रहे हैं. 

बता दें, यूईएफए ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया था,"फिलिस्तीनी पेले' सुलेमान अल-ओबेद को विदाई. एक प्रतिभा जिसने अनगिनत बच्चों को सबसे बुरे समय में भी आशा दी." सलाह ने एक तीखे सवाल के साथ श्रद्धांजलि को दोबारा पोस्ट किया."

कौन है फिलिस्तीन के पेले

24 मार्च 1984 को गाजा में जन्मे, ओबेद ने अपने फुटबॉल करियर की शुरुआत खादमत अल-शती के साथ की. बाद में कब्जे वाले वेस्ट बैंक में मरकज़ शबाब अल-अमारी और गाजा स्पोर्ट के लिए खेले.  2007 में अपने डेब्यू के बाद से फिलीस्तीनी राष्ट्रीय टीम में शामिल ओबेद ने 24 कैप हासिल किए और दो बार स्कोर किया.उनका सबसे यादगार गोल 2010 पश्चिम एशियाई फुटबॉल फेडरेशन चैंपियनशिप के दौरान यमन के खिलाफ कैंची-किक के साथ आया था. ओबेद के परिवार में उनकी पत्नी और पांच बच्चे हैं.

मैदान पर उनकी प्रतिभा के कारण उन्हें "फ़िलिस्तीनी पेले" का उपनाम मिला. उनके निधन से युद्ध शुरू होने के बाद से गाजा में खोए हुए एथलीटों की संख्या बढ़ गई है. रिपोर्ट के अनुसार, कम से कम 662 खिलाड़ियों और उनके रिश्तेदारों के मारे जाने की सूचना है. 

पीएफए ने अपने एक बयान में कहा,"भुखमरी से मारे गए या मरने वाले फुटबॉल खिलाड़ियों की संख्या 421 तक पहुंच गई है, जिसमें 103 बच्चे भी शामिल हैं." 
पीएफए के अनुसार, गाजा और वेस्ट बैंक में स्टेडियम और प्रशिक्षण मैदान से लेकर जिम और क्लब हाउस तक 288 खेल सुविधाएं क्षतिग्रस्त हो गई हैं या मलबे में तब्दील हो गई हैं. 

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