नयी दिल्ली: चीन के साथ राजनयिक मुद्दों के कारण एशियाई खेलों में जगह बनाने में असफल रहीं भारतीय वुशु खिलाड़ी मेपुंग लामगू ने शनिवार को कहा कि वह ‘ठीक' हैं. मेपुंग की इस घोषणा से अरुणाचल प्रदेश में स्थित उसके परिवार के सदस्यों ने राहत की सांस ली है. एशियाई खेलों के लिए चीन का वीजा नहीं मिलने के बाद मेपुंग का परिवार उनसे संपर्क नहीं कर पा रहा था. मेपुंग ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट ‘एक्स' पर लिखा, ‘मैं ठीक हूं और फिलहाल साइ (भारतीय खेल प्राधिकरण) हॉस्टल में हूं.'
मेपुंग को भाई ने एक दिन पहले अरुणाचल प्रदेश से पीटीआई से कहा था कि वह अपनी बहन से संपर्क नहीं कर पा रहे है और उनकी सलामती को लेकर चिंतित है. वुशु खिलाड़ी ने कहा, ‘मैं अपने परिवार के साथ लगातार संपर्क में हूं और चिंता की कोई बात नहीं है. चिंता जताने और समर्थन के लिए धन्यवाद.' उन्होंने साइ अधिकारियों के साथ नाश्ता करते हुए अपनी एक तस्वीर भी साझा की.
साइ के मीडिया ने उनके पोस्ट पर जवाब देते हुए लिखा, ‘हम तीनों वुशु खिलाड़ियों के साथ खड़े हैं, इस समय उनका अत्यधिक ख्याल रख रहे हैं. साइ हॉस्टल में तीनों खिलाड़ियों की देखभाल की जा रही है.' मेपुंग के अलावा चीन ने अरुणाचल प्रदेश की दो अन्य वुशु खिलाड़ियों न्येमान वांग्सू, ओनिलु तेगा को मान्यता देने से इंकार कर दिया था.
भारत के तीनों खिलाड़ियों को वुशु दल के आठ अन्य सदस्यों के साथ शुक्रवार रात को भारत से उड़ान भरनी थी लेकिन उनका ‘एक्रिडिटेशन' डाउनलोड नहीं हो पाया जिससे उन्हें रुकने के लिए मजबूर होना पड़ा. वीजा नहीं मिलने की खबर आयी तो ईटानगर में पेशे से डॉक्टर उनके भाई गांधी लामगू ने जब उनसे अंतिम बार बात की थी तो वह लगातार रोए जा रह थीं, लेकिन इसके बाद से उनका इस खिलाड़ी से संपर्क नहीं हुआ है. गांधी ने ‘अब वह हमारा फोन भी नहीं उठा रही है और यह ‘स्विच ऑफ' आ रहा है. हम उसके बारे में काफी चिंतित हैं कि कहीं वह रो रो कर कुछ कर ना ले.'