अहमदनगर (महाराष्ट्र):
महाराष्ट्र के अहमदनगर में भगवान शनि (जिन्हें हमारे सौरमंडल के उपग्रह शनि का रूप तथा भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है) को समर्पित एक मंदिर अब महिला अधिकारों की लड़ाई का अखाड़ा बन गया है। 700 महिला कार्यकर्ताओं का कहना है कि वे कल (मंगलवार को) मंदिर के सबसे भीतरी हिस्से में जबरदस्ती प्रवेश करेंगी, जहां एक खुले प्लेटफॉर्म पर काले रंग के एक पवित्र पत्थर को प्रतिष्ठापित किया गया है।
मुंबई से लगभग 250 किलोमीटर दूर बसे अहमदनगर में हिन्दू दक्षिणपंथी गुटों का कहना है कि वे पूरे इलाके में 1,000 से भी ज़्यादा महिलाओं की मदद से कई पंक्तियां बनाकर प्रदर्शनकारी महिलाओं को रोकेंगे। अंग्रेज़ी दैनिक इंडियन एक्सप्रेस ने मोनिका गावड़े के हवाले से बताया, इन गुटों का दावा है कि 'भगवान शनि के प्रचंड प्रकोप से' इन प्रदर्शनकारी महिलाओं को 'हानि' पहुंच सकती है।
कार्यकर्ता तृप्ति देसाई का कहना है, "जब पुरुष वहां जाते हैं, तो सब ठीक है, लेकिन महिलाओं के जाने से वह (मंदिर) अपवित्र हो जाता है...?" तृप्ति ने यह भी बताया कि शताब्दियों से महिलाओं के लिए वर्जित क्षेत्र में उन्हें पहुंचाने के लिए एक हेलीकॉप्टर भी बुक कर लिया गया है, जो ज़रूरत पड़ने पर इस्तेमाल किया जाएगा। हालांकि पुलिस ने क्षेत्र में हेलीकॉप्टर को उड़ने की अनुमति देने से इंकार कर दिया है, तथा प्रदर्शन को हिंसक होने से रोकने के लिए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है।
महिलाओं के इस मंदिर में प्रवेश को लेकर लगे प्रतिबंध के खिलाफ प्रदर्शन और अभियान पिछले साल नवंबर में शुरू हुए थे, जब एक महिला पूजा करने के लिए खुले प्लेटफॉर्म तक पहुंच गई थी। बाद में पुजारियों ने उस स्थान का दूध तथा तेल से 'शुद्धिकरण' किया था।
मुंबई से लगभग 250 किलोमीटर दूर बसे अहमदनगर में हिन्दू दक्षिणपंथी गुटों का कहना है कि वे पूरे इलाके में 1,000 से भी ज़्यादा महिलाओं की मदद से कई पंक्तियां बनाकर प्रदर्शनकारी महिलाओं को रोकेंगे। अंग्रेज़ी दैनिक इंडियन एक्सप्रेस ने मोनिका गावड़े के हवाले से बताया, इन गुटों का दावा है कि 'भगवान शनि के प्रचंड प्रकोप से' इन प्रदर्शनकारी महिलाओं को 'हानि' पहुंच सकती है।
कार्यकर्ता तृप्ति देसाई का कहना है, "जब पुरुष वहां जाते हैं, तो सब ठीक है, लेकिन महिलाओं के जाने से वह (मंदिर) अपवित्र हो जाता है...?" तृप्ति ने यह भी बताया कि शताब्दियों से महिलाओं के लिए वर्जित क्षेत्र में उन्हें पहुंचाने के लिए एक हेलीकॉप्टर भी बुक कर लिया गया है, जो ज़रूरत पड़ने पर इस्तेमाल किया जाएगा। हालांकि पुलिस ने क्षेत्र में हेलीकॉप्टर को उड़ने की अनुमति देने से इंकार कर दिया है, तथा प्रदर्शन को हिंसक होने से रोकने के लिए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है।
महिलाओं के इस मंदिर में प्रवेश को लेकर लगे प्रतिबंध के खिलाफ प्रदर्शन और अभियान पिछले साल नवंबर में शुरू हुए थे, जब एक महिला पूजा करने के लिए खुले प्लेटफॉर्म तक पहुंच गई थी। बाद में पुजारियों ने उस स्थान का दूध तथा तेल से 'शुद्धिकरण' किया था।
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