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अरुणाचल प्रदेश में बसर के नजदीक हिली धरती, जानें कितना तेज था भूकंप

नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक, सोमवार सुबह अरुणाचल प्रदेश में बसर के नजदीक भूकंप के झटके महसूस किए गए.

अरुणाचल प्रदेश में बसर के नजदीक हिली धरती, जानें कितना तेज था भूकंप
Arunachal Pradesh में Basar के निकट भूकंप के झटके
  • अरुणाचल प्रदेश में आज सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए, गहराई दस किलोमीटर थी
  • अरुणाचल में आए इस भूकंप का केंद्र बसर से 122 किलोमीटर उत्तर में स्थित था
  • जब टेक्टोनिक्स प्लेटें एक-दूसरे से रगड़ खाती हैं और ऊर्जा रिलीज होती है
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बसर:

नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक, आज सुबह अरुणाचल प्रदेश के बसर में भूकंप के झटके महसूस किए गए. रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 3.2 रही. एजेंसी के अनुसार, भूकंप का केंद्र बसर से 122 किलोमीटर उत्तर (N) में था. भूकंप भारतीय समयानुसार 3:01 AM बजे सतह से 10 किलोमीटर की गहराई में आया. हालांकि किसी तरह के नुकसान की फिलहाल कोई खबर नहीं है.

भूकंप के झटके निम्नलिखित इलाकों में महसूस किए गए

आखिर क्यों आते हैं भूकंप

भूंकप आखिर क्यों आते हैं, इसको समझने के लिए पहले हमें धरती की बनावट को सही से जानना होगा. धरती की बाहरी सतह (जिसमें क्रस्ट और ऊपरी मेंटल आते हैं) 15 बड़ी और छोटी प्लेटों से बनी हुई है. ऐसा नहीं है कि ये प्लेट स्थिर हैं. बल्कि ये बहुत धीरे इधर-उधर घूमती हैं. जब ये प्लेट एक दूसरे के सापेक्ष (आमने-सामने) में मूव करते हुए एक-दूसरे से रगड़ खाती हैं, तब भूकंप आता है.

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यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे की साइट के अनुसार धरती के नीचे मौजूद ये प्लेट हमेशा धीरे-धीरे चलती हैं. घर्षण यानी फ्रिक्शन के कारण वे अपने किनारों पर अटक जाती हैं. इस कारण जब किनारे पर पड़ रहा तनाव फ्रिक्शन के फोर्स से ज्यादा हो जाता है, जिससे एनर्जी रिलीज होती है. जब यह एनर्जी लहर के रूप में धरती की परत से होकर गुजरती है तो हमें कंपन महसूस होता है. इसी कंपन को भूकंप आना कहते हैं और इसको रिक्टर स्केल पर नापते हैं.

भूकंप आने पर क्या करें? 

  • अपना संयम बनाए रखें
  • हाई-राईज बिल्डिंग के पहले या दूसरे फ्लोर पर हों तो तुरंत बाहर निकलकर खुले स्थान पर आएं

बिल्डिंग के अंदर

  •  बंद दरवाजों के भीतर किसी कमरे में हों तो इमारत के बीच में कहीं दीवार के सहारे खड़े हो जाएं
  • किसी टेबल या डेस्क के नीचे बैठ जाएं
  • खिड़कियों और बाहर खुलने वाले दरवाजों से दूर रहें
  • बड़े आइटम जैसे कैबिनेट्स, अलमारी और फ्रिज वगैरह से दूर रहें

बिल्डिंग से बाहर निकलते समय

  • टूटी-फूटी चीजों को देखते हुए निकलें
  • टूटे कांच या टूटी बिजली की तारों से बचकर रहें

विशेष सावधानियां

  • अगर आपके ऊपर सीलिंग टूटकर गिरने लगे या आस-पास इमारत गिरने लगे तो अपने मुंह और नाक को किसी कपड़े, स्कार्फ या रूमाल से ढक लें
  • अगर आप भूकंप के दौरान किसी सड़क पर हैं तो खुले स्थान पर आने की कोशिश करें और बिल्डिंग, पुल और बिजली के खंबों से दूर रहें
  •  अगर आप किसी चलती गाड़ी में हैं तो अपनी स्पीड कम कर लें और रोड के साइड में जहां गाड़ी खड़ी की जा सकती है वहां गाड़ी रोक लें

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