मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा की नेशनल पीपुल्स पार्टी मणिपुर में बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार का समर्थन करना जारी रखेगी, असम के मंत्री और पूर्वोत्तर में बीजेपी के संकटमोचक हेमंत बिस्वा सरमा ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. जिन विधायकों ने इस महीने की शुरुआत में पूर्वोत्तर राज्य में बीजेपी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को छोड़ दिया और इसे पतन के कगार पर ला दिया अचानक से उनका हृदय परिवर्तन हो गया. दिल्ली में भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक के बाद वे वापस आ गए हैं.
हेमंत बिस्वा सरमा ने ट्वीट किया, 'संगमा कॉनराड और डिप्टी सीएम वाई जॉय कुमार सिंह के नेतृत्व में एनपीपी के प्रतिनिधिमंडल ने आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. मणिपुर के विकास के लिए बीेजेपी और एनपीपी दोनों ने साथ काम करने का फैसला किया है. '
A NPP delegation led by @SangmaConrad and Dy Chief Minister of Manipur Sri Y Joy Kumar Singh met Honble Home minister Sri @AmitShah ji today in New Delhi. Both @BJP4India and NPP will continue to work together for the development of Manipur
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) June 24, 2020
इसके बाद इस प्रतिनिधिमंडल ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात की. हेमंत बिस्वा सरमा ने इसकी जानकारी भी ट्विटर पर दी. ट्वीट में जानकारी वही थी बस नाम बदला हुआ था.
A NPP delegation led by @SangmaConrad and Dy Chief Minister of Manipur Sri Y Joy Kumar Singh met Honble President of @BJP4India Sri @JPNadda ji today in New Delhi. NPP will continue to support BJP govt in Manipur for the development of Manipur
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) June 24, 2020
कुछ देर बाद हेमंत बिस्वा सरमा ने इस मुलाकात की तस्वीरें भी साझा कर दी.
Sharing few images from meeting of NPP delegation led by @SangmaConrad and Dy CM of Manipur Sri Y Joy Kumar Singh with Hon President of @BJP4India Sri @JPNadda ji.@BJP4Manipur @NEDAIndia pic.twitter.com/GdnfJv0nvl
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) June 24, 2020
मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की सरकार ने 9 विधायकों की वजह से इस महीने उथल-पुथल मचाई थी. जिनमें मुख्य सहयोगी एनपीपी के चार, भाजपा के तीन, अकेले तृणमूल कांग्रेस के विधायक और निर्दलीय विधायक शामिल थे. एनपीपी विधायकों - जिसमें राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री वाई जॉयकुमार सिंह और कैबिनेट मंत्री एन कायसी, एल जयंत कुमार सिंह और लेटपा हाओकिप शामिल थे, इन्हे आज सुबह दिल्ली लाया गया.
एनपीपी विधायकों ने कट्टर प्रतिद्वंदी कांग्रेस के साथ हाथ मिलकर सेक्युलर प्रोग्रेसिव फ्रंट के गठन किया था. दरार के लिए भाजपा के उच्च-व्यवहार को दोषी ठहराते हुए, उन्होंने कभी भी अपना मन नहीं बदलने की कसम खाई थी.
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