
पूर्वात्तर राज्यों की बड़ी आबादी बीफ तथा पोर्क का सेवन करती है
- पूर्वोत्तर के नागालैंड, मिजोरम तथा मेघालय में हो रहा है विरोध
- मेघालय में कई नेता नए नियम के विरोध में पार्टी छोड़ चुके हैं
- मिजोरम की तो सौ फीसदी आबादी बीफ तथा पोर्क खाती है
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एनपीएफ रिजोल्यूशन कमेटी के संयोजक सेबास्टियन जुमवू ने कहा, "हमने राज्य सरकार को सलाह दी है कि वह केंद्र सरकार को आहार संबंधी आदतों पर प्रतिबंध लगाना बंद करे."
मिजोरम में भाजपा नेतृत्व वाली नॉर्थईस्ट डेमोक्रेटिक एलायंस के घटक दल मिजो नेशनल फ्रंट ने भी केंद्र सरकार के पशु क्रूरता रोकथाम कानून, 2017 के तहत अधिसूचना का विरोध किया है.
एमएनपी के अध्यक्ष पु जोरमथंगा ने कहा कि वे केंद्र सरकार के नए नियमों को स्वीकार नहीं करेंगे. मिजोरम की शत फीसदी आबादी बीफ तथा पोर्क खाती है. वे कानून को किसी अन्य राज्य में लागू कर सकते हैं, लेकिन मिजोरम में लोग बीफ या पोर्क खाना बरकरार रखेंगे, क्योंकि यह उनका मुख्य आहार है.
उधर, मेघालय में केवल भाजपा के सहयोगी दल ही नहीं, बल्कि पार्टी के सदस्य भी नियमों के खिलाफ हैं और यहां तक कि इसके विरोध में पार्टी तक छोड़ चुके हैं. एक विशेष सत्र में मेघालय विधानसभा में सकार ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया और केंद्र सरकार से नए नियम को फौरन वापस लेने को कहा.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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