शहीद दरोगा मोहम्मद अख्तर (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दादरी कोतवाली से महज 100 मीटर की दूरी पर संकरी अयूब गली सोमवार सुबह 5 बजे गोलियों की आवाज से थर्रा गई। पुलिस के मुताबिक 14 पुलिसकर्मियों की एक टीम फुरकान के घर में छिपे अपराधी जावेद और उसके गैंग को दबोचने पहुंची थी, लेकिन घर में छिपे अपराधियों ने बेहद करीब से सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद अख्तर को गोली मार दी।
मुठभेड़ पर उठे सवाल
गोली अख्तर की गर्दन को चीरती हुई सामने वाले घर के गेट में जा लगी। जिसके घर के गेट में गोली लगी, उसके मालिक दिलशान के मुताबिक गोली की आवाज सुनकर वो अपने बच्चों को लेकर अंदर की तरफ भागा, बाहर क्या हुआ उसे पता नहीं। पुलिस के मुताबिक मुठभेड़ के बाद सारे अपराधी और घर का मालिक फुरकान घर के ऊपर लगी सीढ़ियों से भागने में कामयाब रहे। पुलिस ने पास ही जावेद के घर का दरवाजा तोड़कर तलाशी ली, लेकिन वो हाथ नहीं आया। इस मुठभेड़ को लेकर कई सवाल जरूर उठ रहे हैं।
-गोली चलने के बाद बाकी पुलिसकर्मी कहां चले गए?
इतने पास से गोली लगने के बावजूद कोई हमलावर क्यों नहीं पकड़ा गया?
इतना ही नहीं कई राउंड फायरिंग के दौरान किसी और को खरोंच तक नहीं आई?
क्या पुलिस छापेमारी की ख़बर कहीं से लीक हुई थी?
दरोगा के परिवारवालों ने पुलिस पर लगाया आरोप
मोहम्मद अख्तर के मामू मोहम्मद इकबाल ने आरोप लगाया कि गोली पुलिस ने मारी है। उनका आरोप है कि मोहम्मद को गोली लगने के बाद सभी पुलिसकर्मी उन्हें छोड़कर भाग गए और करीब डेढ़ घंटे बाद उसका शव लेने आए। परिवार अब सीबीआई जांच की मांग कर रहा है। गौतमबुद्धनगर के एसएसपी किरण एस का कहना है कि घरवालों के आरोपों की जांच हो रही है।
शहीद दरोगा के परिवार को 20 लाख रुपये देने का ऐलान
पुलिस के मुताबिक जावेद पर 15 से ज्यादा केस दर्ज हैं। पूरे गैंग को पकड़ने की कोशिश की जा रही है। मौका-ए-वारादात से हथियार और कारतूस भी बरामद हुए हैं। शुरुआती जांच में लापरवाही बरतने के आरोप में दादरी कोतवाली के एसएचओ होम सिंह यादव को सस्पेंड कर दिया गया है। यूपी सरकार ने शहीद मोहम्मद अख्तर के परिवार को 20 लाख रुपये देने का ऐलान किया है।
मुठभेड़ पर उठे सवाल
गोली अख्तर की गर्दन को चीरती हुई सामने वाले घर के गेट में जा लगी। जिसके घर के गेट में गोली लगी, उसके मालिक दिलशान के मुताबिक गोली की आवाज सुनकर वो अपने बच्चों को लेकर अंदर की तरफ भागा, बाहर क्या हुआ उसे पता नहीं। पुलिस के मुताबिक मुठभेड़ के बाद सारे अपराधी और घर का मालिक फुरकान घर के ऊपर लगी सीढ़ियों से भागने में कामयाब रहे। पुलिस ने पास ही जावेद के घर का दरवाजा तोड़कर तलाशी ली, लेकिन वो हाथ नहीं आया। इस मुठभेड़ को लेकर कई सवाल जरूर उठ रहे हैं।
-गोली चलने के बाद बाकी पुलिसकर्मी कहां चले गए?
इतने पास से गोली लगने के बावजूद कोई हमलावर क्यों नहीं पकड़ा गया?
इतना ही नहीं कई राउंड फायरिंग के दौरान किसी और को खरोंच तक नहीं आई?
क्या पुलिस छापेमारी की ख़बर कहीं से लीक हुई थी?
दरोगा के परिवारवालों ने पुलिस पर लगाया आरोप
मोहम्मद अख्तर के मामू मोहम्मद इकबाल ने आरोप लगाया कि गोली पुलिस ने मारी है। उनका आरोप है कि मोहम्मद को गोली लगने के बाद सभी पुलिसकर्मी उन्हें छोड़कर भाग गए और करीब डेढ़ घंटे बाद उसका शव लेने आए। परिवार अब सीबीआई जांच की मांग कर रहा है। गौतमबुद्धनगर के एसएसपी किरण एस का कहना है कि घरवालों के आरोपों की जांच हो रही है।
शहीद दरोगा के परिवार को 20 लाख रुपये देने का ऐलान
पुलिस के मुताबिक जावेद पर 15 से ज्यादा केस दर्ज हैं। पूरे गैंग को पकड़ने की कोशिश की जा रही है। मौका-ए-वारादात से हथियार और कारतूस भी बरामद हुए हैं। शुरुआती जांच में लापरवाही बरतने के आरोप में दादरी कोतवाली के एसएचओ होम सिंह यादव को सस्पेंड कर दिया गया है। यूपी सरकार ने शहीद मोहम्मद अख्तर के परिवार को 20 लाख रुपये देने का ऐलान किया है।
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