मुंबई:
आयकर विभाग इनकम डिक्लेरेशन स्कीम को सफल बनाने की कोशिश में लगातार छापे मार रहा है. मुंबई में बड़े व्यापारियों के साथ-साथ वड़ापाव, सैंडविच और डोसा बनाकर बेचने वाले भी उसके निशाने पर हैं.
घाटकोपर में ऐसे ही एक डोसा बनाने वाले के यहां आयकर विभाग की कार्रवाई चर्चा में है. घाटकोपर की वल्लभ बाग लेन खाऊ गली के नाम से मशहूर है. 13 सितंबर को आयकर विभाग ने सड़क पर डोसा बनाने वाले विजय टिप्पा रेड्डी के स्टॉल पर छापा मारकर गल्ले से 60 हजार रुपये जप्त किये. खबर फैली कि डोसा वाले के पास 8 फ्लैट हैं और करोड़ों की नकदी भी है.
हालांकि डोसा स्टॉल चलाने वाले विजय रेड्डी फ्लैट और नगदी की बात से इंकार करते हैं. विजय रेड्डी के मुताबिक वो पिछले 16 साल से किराये के मकान में रहते हैं और जो कमाई होती है उसे गरीब बच्चों की सेवा में लगाते हैं. रेड्डी के मुताबिक किसी ने आयकर विभाग को गलत सूचना दी थी.
खबरों के मुताबिक घाटकोपर के विजय रेड्डी अकेले नहीं है. हाल फिलहाल में ठाणे के एक मशहूर वड़ापाव विक्रेता, अंधेरी में सैंडविच विक्रेता और दक्षिण मुंबई के जलेबी विक्रेता जैसे 50 से भी ज्यादा लोग आयकर घेरे में आये हैं. उन सबकी कमाई की छानबीन चल रही है.
जानकारों की मानें तो ये सारी कवायद इनकम डिक्लेरेशन स्कीम को सफल बनाने के लिये की जा रही है. जिसके तहत काला धन घोषित करने पर सिर्फ 45 फीसदी रकम भर कर कार्रवाई से बचा जा सकता है. स्कीम की आखिरी तारीख 30 सितंबर है.
घाटकोपर में ऐसे ही एक डोसा बनाने वाले के यहां आयकर विभाग की कार्रवाई चर्चा में है. घाटकोपर की वल्लभ बाग लेन खाऊ गली के नाम से मशहूर है. 13 सितंबर को आयकर विभाग ने सड़क पर डोसा बनाने वाले विजय टिप्पा रेड्डी के स्टॉल पर छापा मारकर गल्ले से 60 हजार रुपये जप्त किये. खबर फैली कि डोसा वाले के पास 8 फ्लैट हैं और करोड़ों की नकदी भी है.
हालांकि डोसा स्टॉल चलाने वाले विजय रेड्डी फ्लैट और नगदी की बात से इंकार करते हैं. विजय रेड्डी के मुताबिक वो पिछले 16 साल से किराये के मकान में रहते हैं और जो कमाई होती है उसे गरीब बच्चों की सेवा में लगाते हैं. रेड्डी के मुताबिक किसी ने आयकर विभाग को गलत सूचना दी थी.
खबरों के मुताबिक घाटकोपर के विजय रेड्डी अकेले नहीं है. हाल फिलहाल में ठाणे के एक मशहूर वड़ापाव विक्रेता, अंधेरी में सैंडविच विक्रेता और दक्षिण मुंबई के जलेबी विक्रेता जैसे 50 से भी ज्यादा लोग आयकर घेरे में आये हैं. उन सबकी कमाई की छानबीन चल रही है.
जानकारों की मानें तो ये सारी कवायद इनकम डिक्लेरेशन स्कीम को सफल बनाने के लिये की जा रही है. जिसके तहत काला धन घोषित करने पर सिर्फ 45 फीसदी रकम भर कर कार्रवाई से बचा जा सकता है. स्कीम की आखिरी तारीख 30 सितंबर है.
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