बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान के घर में घुसकर उन पर हमले (Saif Ali Khan Attcak) का आरोपी शरीफुल फकीर पकड़ा जा चुका है. वह फिलहाल 5 दिन की पुलिस रिमांड (Mumbai Police) पर है. पुलिस उससे लगातार पूछताछ कर रही है. उनसे पुलिस की पूछताछ में कई अहम खुलासे किए हैं. टीओआई की खबर के मुताबिक, पुलिस की पूछताछ में सामने आया है कि बहुत ज्यादा गरीबी से जूझने की वजह से वह अपराध के रास्ते पर चल पड़ा. वह किसी अमीर के घर में चोरी करना चाहता था. वह तो ये जानता ही नहीं था कि जिसके घर में वह चोरी करने के लिए घुसा है वह बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान का घर है.
सैफ पर अटैक मामले के अपडेट्स
- सैफ अली खान पर 16 जनवरी की सुबह घर में घुसकर जानलेवा हमला
- सैफ को घायल हालत में लीलावती अस्पताल ले जाया गया
- तैमूल ऑटो रिक्शा से सैफ को अस्पताल लेकर पहुंचे थे
- सैफ के शरीर पर 6 जगह घाव थे, 2 घाव गंभीर थे
- रीढ़ की हड्डी समेत दो सर्जरी की गईं
- सैफ के हमलावर को पुलिस ने 20 जनवरी को पकड़ा.
- सैफ अली खान को 21 जनवरी को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया.
- हमलावर शरीफुल फकीर एक बांग्लादेशी है
- हमलावर को 5 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया
क्राइम के रास्ते क्यों चल पड़ा सैफ का हमलावर?
एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक, लूट के पैसे से वह बांग्लादेश भागकर अपनी बीमार मां का इलाज करवाना चाहता था. शरीफुल पहले ठाणे के एक रेस्तरां में हाउसकीपिंग की नौकरी करता था. लेकिन 15 दिसंबर को उसकी नौकरी चली गई, जिसके बाद पैसों की जरूरत की वजह से उसने अपराध का रास्ता चुन लिया. दरअसल एक मैनपावर एजेंसी के साथ उसका कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो गया था, जिसकी वजह से उसकी नौकरी चली गई और वह खुद को बहुत ही बेसहारा महसूस करने लगा. उसने पूछताछ के दौरान पुलिस से ये बात कही.
'नौकरी चली गई, मां का इलाज कराना था'
पिछले साल सितंबर में ठाणे के रेस्टोरेंट में नौकरी करने से पहले शरीफुल वर्ली के एक रेस्टोरेंट में काम करता था. वहां उसे 13,000 रुपये महीने तनख्वाह मिलती थी. पूछताछ के दौरान उसने पुलिस को बताया कि इस रकम में वह 12 हजार रुपए अपनी मां के इलाज के लिए बांग्लादेश भेजता था और सिर्फ़ 1,000 रुपये अपने पास रखता था. अगस्त में एक दिन रेस्टोरेंट प्रबंधन ने उसे चोरी करते पकड़ लिया और उसे नौकरी से निकाल दिया. वह सिर्फ कक्षा 2 तक पढ़ा लिखा है, जिसकी वजह से उसे ठाणे के रेस्टोरेंट में दूसरी छोटी सी नौकरी मिल गई. लेकिन वो भी चली गई.
शरीफुल भारत में घुसा कैसे?
पुलिस के मुताबिक, शरीफुल मेघालय में भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर दावकी नदी पार करके भारत में घुसा था. एक एजेंट 10,000 रुपए में उसे असम ले गया. एजेंट ने वहां पर उसकी कोलकाता जाने वाली बस में बैठने में मदद की. कोलकाता में वह तीन दिन रुका और फिर मई में ट्रेन पकड़कर मुंबई पहुंच गया. इकना ही नहीं उस एजेंट की मदद से उसने सिम कार्ड भी खरीद लिया. मुंबई पहुंचने के बाद वह तीन दिन तक सड़क पर घूमता रहा. किसी के जरिए वह जितेंद्र पांडे से मिला और जून में उसे वर्ली के रेस्टोरेंट में नौकरी मिल गई. अब शरीफुल की मदद करने वाले एजेंट की तलाश की जा रही है.
रेस्तरां से चुराया चाकू, फिर सैफ पर किया हमला
पहली नौकरी जाने के बाद शरीफुल ने दूसरी नौकरी शुरू कर दी. लेकिन वह भी चली गई. जिसके बाद उसने चोरी करने का फैसला किया. 31 दिसंबर और 1 जनवरी को उसने बांद्रा और खार के आलीशान इलाकों में चोरी के लिए जगह की तलाश की. पुलिस ने बताया कि शरीफुल 15-16 जनवरी की रात को सैफ पर हमले से पहले करीब 90 मिनट पैदल चलकर बांद्रा पहुंचा था. पुलिस अधिकारी के मुताबिक उसने जिस चाकू से सैफ पर हमला किया, उसे उसने ठाणे के उस रेस्तरां से चुराया था जहां वह काम करता था.
'सिर्फ अमीर घर में चोरी करना चाहता था'
सैफ पर हमला करने के बाद वह दादर भागने की फिराक में था. वह ट्रेन पकड़ने से पहले घंटों तक बांद्रा-खार में रहा. तब तक वह ये बात जानता ही नहीं था कि उसने एक फेमस एक्टर को चाकू मारा है. पूछताछ में उसने खुलासा किया कि सैफ पर हमला उसकी कोई प्लानिंग नहीं थी. वह तो अमीर घर में चोरी करना चाहता था.
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