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This Article is From Jul 06, 2016

मुंबई : डॉ जाकिर नाईक का टेरर लिंक? पुलिस ने ईद के मौके पर सुरक्षा बढ़ाई

मुंबई : डॉ जाकिर नाईक का टेरर लिंक? पुलिस ने ईद के मौके पर सुरक्षा बढ़ाई
डॉ जाकिर नाईक (फाइल फोटो)
  • चिकित्सा क्षेत्र से मजहबी किताबों की दुनिया में चले गए
  • डॉ नाईक के 'पीस टीवी' के जितने समर्थक उतने ही विरोधी
  • मुंबई के इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन पर सुरक्षा एजेंसियों की नजर
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मुंबई: इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन के संस्थापक डॉक्टर जाकिर नाईक एक बार फिर से सवालों के घेरे में हैं। बताया जा रहा है कि ढाका आतंकी हमले में शामिल दो युवक डॉ जाकिर नाईक के विचारों और भाषणों से प्रभावित थे। सवाल उठा है कि क्या ढाका हमले के लिए तैयार बारूद का फॉर्मूला मुंबई में बना? वहीं, ईद के मौके पर और शिवसेना की धमकी के बाद पुलिस ने जाकिर नाईक के घर और दफ्तर के बाहर सुरक्षा व्यवस्ता कड़ी कर दी है।

आरोपों को नकारा
डॉक्टर जाकिर नाईक उमरा करने सऊदी अरब गए हैं। मुंबई में उनके इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन के प्रबंधक मंजूर शेख ने हालांकि इन आरोपों को खारिज किया है। मंजूर शेख का दावा है कि फाउंडेशन में सभी धर्मों का तुलनात्मक अध्ययन किया जाता है। लाइब्रेरी में कुरान है तो वेद, पुराण, गीता और बाईबल भी हैं।

जानिए कौन हैं डॉ. जाकिर नाईक (50)
- प्रभावी सलाफी विचारक हैं। मुंबई स्थित मझगांव के सेंट पीटर स्कूल, केसी कॉलेज में पढ़ाई करने के बाद डॉक्टरी की पढ़ाई टोपीवाला नेशनल मेडिकल कॉलेज और बीवाईएल नायर चेरिटेबल हॉस्पिटल से की।
- 1991 में धार्मिक तकरीर देने का काम शुरू किया और इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना कर इसके प्रेजीडेंट बने।
- उनकी तकरीर पीस टीवी चैनल पर प्रसारित होती है। यह चैनल इनको अपना ब्रांड अंबेसडर कहता है। गैरकानूनी तरीके से कई केबल ऑपरेटरों द्वारा इसका प्रसारण किया जाता है।
- उन्होंने इस्लाम पर लेक्चर की अपनी कुई बुकलेट प्रकाशित की हैं।
- वह मझगांव में इस्लामिक इंटरनेशनल स्कूल चलाते हैं।

समर्थक
- नाईक दावा करते हैं कि पीस टीवी के जरिये दुनिया भर में उनके 20 करोड़ दर्शक हैं।
- अपने फेसबुक पर 1.4 करोड़ फॉलोअर का करते हैं दावा।

प्रतिबंध
- मुंबई पुलिस ने उनको शहर में कांफ्रेंस करने पर पाबंदी लगा रखी है।
- कनाडा, ब्रिटेन और मलेशिया समेत पांच देशों में नाईक प्रतिबंधित हैं।

आतंकी कनेक्शन के लिए पहले से शक के दायरे में
डॉ जाकिर आतंकी कनेक्शन को लेकर पहले भी चर्चा में रहे हैं। 7/11 बम धमाकों में एक आरोपी राहिल रिसर्च फाउंडेशन में आता था। हालांकि जांच में फाउंडेशन के खिलाफ कुछ नहीं मिला और रिसर्च सेंटर बदस्तूर जारी है। हालांकि ज्यादातर अंग्रेजी में ही बोलने वाले डॉ जाकिर नाईक की यही लोकप्रियता अब ढाका आतंकी हमले के बाद एक बार फिर से सवालों के घेरे में है और वे भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के राडार पर हैं।

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