प्रतीकात्मक फोटो
मुंबई:
अपनी पत्नी की हत्या के आरोपी पति को एक डायरी ने सलाखों के पीछे भिजवा दिया। यह डायरी उसे दोषी साबित करने में डिस्ट्रिक्ट सेशन कोर्ट के लिए मददगार साबित हुई। मामला भिवंडी के प्रवीण भंडारी से जुड़ा है जिसे पुलिस ने 2010 में अपनी पत्नी की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था। प्रवीण को भूलने की बीमारी थी जिसकी वजह से वह हर बात डायरी में नोट करता था।
दोस्तों के साथ मिलकर पत्नी की हत्या की
पत्नी की हत्या का दोषी प्रवीण भंडारी भिवंडी के निजामपुरा परिसर की शंकेश्वर सोसायटी में अपनी पत्नी और एक बच्ची के साथ रहता था। प्रवीण को शराब और नशीली चीजों का सेवन करने की आदत थी। नशे की लत प्रवीण और उसकी बीवी चंद्रा के बीच हमेशा झगड़े की वजह बनती थी। नशे की लत से प्रवीण को भूलने की बीमारी हो गई। बातों को याद रखने के लिए वह नोट्स लिख लेता था। एक दिन घरेलू झगड़े की वजह से तैश में आकर प्रवीण ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर अपनी पत्नी का कत्ल कर दिया।
लूट की कहानी गढ़ी, डायरी ने राज खोला
प्लान था मर्डर को लूट की शक्ल देना। प्रवीण कुछ भूल न जाए इसलिए उसने हर बात डायरी में नोट कर ली। 14 सितंबर 2010 की शाम को प्रवीण ने अपने साथी राशिद पावले और उसके शॉप हेल्पर धर्मराज नेपाली को अपने घर में रहने के लिए बुलाया। 15 सितंबर 2010 को सुबह 9.30 बजे से 10 बजे के बीच प्रवीण अपने घर से निकल गया और अपने दोस्त राशिद को अपने फोन पर फोन करके घर में लूट और हत्या की कहानी बताने को कहा। थोड़ी देर बाद प्रवीण निजामपुरा पुलिस स्टेशन पहुंचा और अपने घर में लूट और हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस के पास कोई सबूत न होने की वजह से पुलिस को हत्यारे तक पहुंचना मुश्किल लग रहा था।
इस गुत्थी को सुलझाने का जिम्मा निजामपुरा पुलिस से भिवंडी क्राइम ब्रांच को दे दिया गया। पड़ोसियों और परिवार के सदस्यों से हुई बातचीत के बाद पुलिस को प्रवीण पर शक हुआ। उन्होंने पुलिस को बताया था कि पति-पत्नी लड़ते रहते थे। फिर भिवंडी क्राइम ब्रांच ने प्रवीण के खिलाफ सबूत इकट्ठे करने के लिए प्रवीण के घर जाकर छानबीन शुरू की। भिवंडी क्राइम ब्रांच को प्रवीण के घर से उसके लिखे गए नोट्स और डायरी मिली। उसमें प्रवीण ने अपनी पत्नी चंद्रा को मारने का प्लान लिखा था।
दोस्तों के साथ मिलकर पत्नी की हत्या की
पत्नी की हत्या का दोषी प्रवीण भंडारी भिवंडी के निजामपुरा परिसर की शंकेश्वर सोसायटी में अपनी पत्नी और एक बच्ची के साथ रहता था। प्रवीण को शराब और नशीली चीजों का सेवन करने की आदत थी। नशे की लत प्रवीण और उसकी बीवी चंद्रा के बीच हमेशा झगड़े की वजह बनती थी। नशे की लत से प्रवीण को भूलने की बीमारी हो गई। बातों को याद रखने के लिए वह नोट्स लिख लेता था। एक दिन घरेलू झगड़े की वजह से तैश में आकर प्रवीण ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर अपनी पत्नी का कत्ल कर दिया।
लूट की कहानी गढ़ी, डायरी ने राज खोला
प्लान था मर्डर को लूट की शक्ल देना। प्रवीण कुछ भूल न जाए इसलिए उसने हर बात डायरी में नोट कर ली। 14 सितंबर 2010 की शाम को प्रवीण ने अपने साथी राशिद पावले और उसके शॉप हेल्पर धर्मराज नेपाली को अपने घर में रहने के लिए बुलाया। 15 सितंबर 2010 को सुबह 9.30 बजे से 10 बजे के बीच प्रवीण अपने घर से निकल गया और अपने दोस्त राशिद को अपने फोन पर फोन करके घर में लूट और हत्या की कहानी बताने को कहा। थोड़ी देर बाद प्रवीण निजामपुरा पुलिस स्टेशन पहुंचा और अपने घर में लूट और हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस के पास कोई सबूत न होने की वजह से पुलिस को हत्यारे तक पहुंचना मुश्किल लग रहा था।
इस गुत्थी को सुलझाने का जिम्मा निजामपुरा पुलिस से भिवंडी क्राइम ब्रांच को दे दिया गया। पड़ोसियों और परिवार के सदस्यों से हुई बातचीत के बाद पुलिस को प्रवीण पर शक हुआ। उन्होंने पुलिस को बताया था कि पति-पत्नी लड़ते रहते थे। फिर भिवंडी क्राइम ब्रांच ने प्रवीण के खिलाफ सबूत इकट्ठे करने के लिए प्रवीण के घर जाकर छानबीन शुरू की। भिवंडी क्राइम ब्रांच को प्रवीण के घर से उसके लिखे गए नोट्स और डायरी मिली। उसमें प्रवीण ने अपनी पत्नी चंद्रा को मारने का प्लान लिखा था।
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