विज्ञापन
This Article is From Aug 09, 2021

Maharashtra: कई परिवार ऐसे जिनके बच्‍चों के लिए कई कारणों से ऑनलाइन स्‍टडी संभव नहीं, स्‍कूल खुलने का कर रहे इंतजार

बीएमसी के शिक्षण अधिकारी राजू तड़वी का कहना है कि अगर सरकार की ओर से स्कूल खोलने की अनुमति मिले तो सुरक्षित तरीके से स्कूलों को चलाने की पूरी तैयारी है.

Maharashtra: कई परिवार ऐसे जिनके बच्‍चों के लिए कई कारणों से ऑनलाइन स्‍टडी संभव नहीं, स्‍कूल खुलने का कर रहे इंतजार
महाराष्‍ट्र सरकार 17 अगस्‍त से राज्‍य में स्‍कूल खोलने की तैयारी कर रही है (प्रतीकात्‍मक फोटो)
मुंंबई:

Maharashtra: महाराष्ट्र (Maharashtra) की शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने कहा है कि राज्‍य सरकार की 17 अगस्त से स्कूलों को शुरू करने की तैयारी है.ऐसे लाखों परिवार राज्य में मौजूद हैं, जो स्कूल खुलने का इंतज़ार कर रहे हैं. पिछले डेढ़ सालों से आर्थिक तंगी और अन्‍य परेशानियों के चलते ऐसे कई बच्चे हैं जिनकी पढ़ाई पूरी तरह रुक गई है. मुंबई (Mumbai) के भीम नगर में रहने वाली कुसम चौधरी को ही लीजिए. कुसुम के इलाके में बिजली बहुत कम समय के लिए आती है. कई बार रात के समय. बिजली नहीं होने का असर कक्षा 5 में पढ़ने वाले कुसुम के बेटे आनंद की पढ़ाई पर पड़ा है. लगातार बिजली न होने के कारण पढ़ाई के लिए न ही फोन चार्ज होता है और न ही गर्मी के कारण कोई घर में पढ़ पाता है. ऐसे में बच्चे दिन भर बाहर खेलते रहते हैं. घर की आमदनी इतनी नहीं है कि इस परेशानी का कोई हल निकाला जा सके.

कुसुम बताती हैं, 'स्कूल से न किताब मिल रही हैं, न ही कुछ और. हम गरीब लोग हैं. यहां खाने का ठिकाना नहीं है. खाना देखें या स्कूल देखें या ट्यूशन की फीस भरें. झुग्‍गी बस्तियों में इस तरह के कई बच्चे मिल जाएंगे जिनके भविष्य पर ऑनलाइन पढ़ाई (online Study)का असर पड़ा है.सोशल डिस्‍टेनसिंग न होने और संक्रमण बढ़ने के डर से स्कूल बंद हैं. राबिया बेगम और उनके पति बाजारों में कपड़े बेचने का काम करते हैं. फोन एक ही होता है, जो इन्हें अपने पास रखना होता है, लिहाजा इनकी बेटी को बिना फोन के अकेले घर में रहना पड़ता है.पढ़ाई तो हो ही नहीं रही है. मां कहती हैं कि अगर स्कूल खुल जाए तो पढ़ाई फिर से शुरू हो जाएगी. राबिया बताती हैं, 'बच्चे पढ़ नहीं पाते हैं, ऑनलाइन पढ़ाई है.कभी 11 बजे, कभी 10 बजे, कभी 9 बजे का टाइमिंग है, अब मोबाइल इसके पिता लेकर जाते हैं तो फिर बच्चों को पढ़ने की.दिक्कत हो जाती है. सबसे बड़ी दिक्कत लाइट की है.फोन चार्ज नहीं हो पाता है.कभी ऑनलाइन पढ़ाई के लिए नेट ही नहीं रहता है. मोबाइल में पढ़ाई करना भी आता नहीं है.

बीएमसी की ओर से फरवरी में जारी आंकड़ों के अनुसार, केवल मुंबई में ही 60 हज़ार बच्चे ऐसे हैं जिन पर ऑनलाइन पढ़ाई का असर हुआ है. 50 फीसदी छात्र वो हैं जिनके पास स्मार्टफोन नहीं है. 37000 बच्चों के पास स्मार्टफोन है तो वो इंटरनेट के पैसे नहीं दे सकते हैं. बीएमसी के शिक्षण अधिकारी राजू तड़वी का कहना है कि अगर सरकार की ओर से स्कूल खोलने की अनुमति मिले तो सुरक्षित तरीके से स्कूलों को चलाने की इनकी पूरी तैयारी है. शिक्षण अधिकारी राजू तड़वी कहते हैं, 'हम लोग बिल्डिंग को सैनिटाइज़ करेंगे. उसके बाद हम बच्चों को मास्क देंगे और टेम्‍परेचर लेने के लिए थर्मल गन का इस्तेमाल होगा..इसके अलावा बच्चों को अलग-अलग दिन बुलाने की भी योजना है. एक बेंच पर एक ही बच्चा बैठे, इसकी पूरी तैयारी है. कमिश्नर लेवल पर निर्णय होगा और जब इस पर निर्णय होगा तब पूरी तैयारी के साथ स्कूल शुरू करेंगे. हालांकि स्‍कूल खुलने को लेकर बच्‍चों के परिवारवालों की सोशल डिस्‍टेंसिंग को लेकर अपनी चिंताए हैं. यह चिंता वाज़िब है कि अगर स्कूल खुलते हैं तो संक्रमण की चिंता बनी रहती है. इसके लिए स्कूल प्रशासन को कई कदम उठाने की ज़रूरत है.लेकिन इसके साथ ही यह भी समझना होगा कि इस देश में एक बहुत बड़ा तबका ऐसा है जहां पर बच्चों ने पिछले डेढ़ साल से कोई पढ़ाई नहीं की है.यह भारत के भविष्य हैं और कहीं न कहीं इनका और इस देश का भविष्य फिलहाल अधर में है.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com