मुंबई:
कोई देखे, तो लगे चितेरे ने रंग बिरंगे रंगों से भरी कूची उठाई और कांक्रीट के बीचों बीच लाल-नारंगी रंगों से सबकुछ रंग दिया। महाराष्ट्र के सातारा में आकर आपको भी लगेगा कि शब्दों का यह कैनवास हकीकत में तब्दील हो गया।
सातारा में 1 मई को गुलमोहर-डे अपने 16 वें साल का जश्न मना रहा है। इस मौके पर शहर के लोग प्रकृति की इस भेंट के बीच चित्र बनाते, लेख लिखते, कविता पाठ करते नज़र आते हैं। इसका मकसद सिर्फ पर्यावरण की रक्षा करना होता है।
सातारा में 1 मई को गुलमोहर-डे अपने 16 वें साल का जश्न मना रहा है। इस मौके पर शहर के लोग प्रकृति की इस भेंट के बीच चित्र बनाते, लेख लिखते, कविता पाठ करते नज़र आते हैं। इसका मकसद सिर्फ पर्यावरण की रक्षा करना होता है।
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