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This Article is From Oct 06, 2016

कॉल सेंटर कर्मचारियों की दी जाती थी धमकाने की ट्रेनिंग, और गिरफ्तारियां संभव

कॉल सेंटर कर्मचारियों की दी जाती थी धमकाने की ट्रेनिंग, और गिरफ्तारियां संभव
मुंबई: कॉल सेंटर जबरन वसूली मामले में ठाणे पुलिस ने अभी भले ही 70 बड़े अफसरों को गिरफ्तार किया है, लेकिन जल्द ही वो फोन कर बात करने वाले आम कर्मचारियों को भी गिरफ्तार कर सकती है.

क्योंकि जांच में खुलासा हुआ है कि कॉलर खुद को वाशिंगटन डीसी के इंटरनल रेवेन्यू सर्विस हेडक्वार्टर का कर्मचारी बताकर धौंस जमाते थे. इसके लिए बाकायदा उन्हें स्क्रिप्ट दी जाती थी. एनडीटीवी के पास 6 पेज की वो स्क्रिप्ट मौजूद है जिसका उन्हे रट्टा मारने को कहा जाता था.

सवाल - जवाब की तर्ज पर लिखी इस स्क्रिप्ट में साफ तौर पर लिखा है कि अगर सामने वाला पूछे कि आप कहां से फोन कर रहे हैं तो उसे बताना है कि मैं वाशींगटन डीसी के इंटरनल रेवेन्यू सर्विस हेडक्वार्टर से बोल रहा हूं. इस पर अगर सामने वाला पूछे कि उसके टैक्स कैलकुलेशन में गलती कहां हुई है? तो उसे ये कहकर धौंस देना है कि मैं इनवेस्टि‍गेशन डिपार्टमेंट से हूं, ऑडिट डिपार्टमेंट से नहीं कि गलती बताने में मदद करूं. सामने वाला इतने पर भी अगर सेटलमेंट की बजाय वकील और सीए की मदद लेने की बात करे तो उसे ये कहकर धमकाना है कि ये थर्डपार्टी डिस्क्लोजर होगा.

ऐसे में आईआरएस आपकी सारी जानकारी नेशनल चैनल, अखबार में सार्वजनिक कर सकता है. इतना ही नहीं, 50 हजार डॉलर का जुर्माना भी लग सकता है.

ठाणे पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के मुताबिक कॉलर अपने शिकार को धमकाते कि अगर वो जल्द ही सेटलमेंट नही करेंगे तो फोन लाईन कटते ही यूएस पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर सकती है. परमबीर सिंह ने ये भी दावा किया कि जो भी कॉल करता था वो चाहे नया हो या पुराना, स्क्रिप्ट से साफ है कि उसे फर्जीवाड़े की जानकारी होती थी. इसलिये पुलिस ने भले ही अभी सिर्फ 70 लोगों को गिरफ्तार किया है लेकिन आरोपी 630 लोगों को बनाया है, जिनकी अभी ट्रेनिंग चालू थी, जो चपरासी थे उन्हें छोड़ा गया है. कंम्प्यूटर की 800 से ज्यादा हार्ड डिस्क जप्त की गई हैं. आवाजों के नमूने फॉरेंसिक लैब में भेजे जा रहे हैं.

इस बीच बुधवार को गिरफ्तार आरोपियों को अदालत में पेश कर उनकी रिमांड ली गई. इनसे पुछताछ के बाद और भी गिरफ्तारी होनी तय है. ठाणे पुलिस आयुक्त के मुताबिक अभी सिर्फ 7 कॉल सेंटर उनकी जांच के दायरे में हैं. लेकिन मुंबई और आसपास के दूसरे कुछ कॉलसेंटरों से भी ये गोरखधंधा चलने से इंकार नहीं किया जा सकता. यही वजह है कि अभी तक पुलिस की नजर से बचे कॉल सेंटर भी पुलिस के राडार पर आ गये हैं. खासकर के ठाणे ग्रामिण के जहां के 7 कॉल सेंटरों से व्यापार के नाम पर अमेरिका में जबरन वसूली चल रही थी. पुलिस अब अपने इलाकों के सभी कॉल सेंटरों की सूची बनाने और उनके दस्तावेजों की जांच में जूट गई है.

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