छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय(फाइल फोटो)
बिलासपुर:
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने अवमानना याचिका पर सुनवाई के बाद सरगुजा जिले के कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त के खिलाफ गिरफ़्तारी वारंट जारी किए हैं.
अधिवक्ता सुनील त्रिपाठी ने बताया कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने अम्बिकापुर की आवासीय कॉलोनी 'कुंडला वसुंधरा' में हुए अतिक्रमण और अवैध निर्माण के मामले में दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई के बाद सरगुजा कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त के खिलाफ गिरफ़्तारी वारंट जारी कर दिया है. इससे पूर्व उच्च न्यायालय ने दोनों अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के लिए कहा था. शुक्रवार को न्यायालय में अनुपस्थित पाए जाने के बाद वारंट जारी किया गया है. मामले में अगली सुनवाई छह नवम्बर को होगी.
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त्रिपाठी ने बताया कि अंबिकापुर के एक बिल्डर के एन सिंह ने कुंडला वसुंधरा नाम से एक आवासीय कॉलोनी विकसित की थी. इस कॉलोनी में अधिकतर भूमि पर अवैध कब्ज़ा कर निर्माण कराया गया था.मामले की शिकायत होने पर इसकी जांच की गई. प्रशासन ने आठ जुलाई 2008 के बाद के निर्माण को अवैध पाया और अवैध मकानों को तोड़ने का आदेश दे दिया था.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
अधिवक्ता सुनील त्रिपाठी ने बताया कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने अम्बिकापुर की आवासीय कॉलोनी 'कुंडला वसुंधरा' में हुए अतिक्रमण और अवैध निर्माण के मामले में दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई के बाद सरगुजा कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त के खिलाफ गिरफ़्तारी वारंट जारी कर दिया है. इससे पूर्व उच्च न्यायालय ने दोनों अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के लिए कहा था. शुक्रवार को न्यायालय में अनुपस्थित पाए जाने के बाद वारंट जारी किया गया है. मामले में अगली सुनवाई छह नवम्बर को होगी.
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त्रिपाठी ने बताया कि अंबिकापुर के एक बिल्डर के एन सिंह ने कुंडला वसुंधरा नाम से एक आवासीय कॉलोनी विकसित की थी. इस कॉलोनी में अधिकतर भूमि पर अवैध कब्ज़ा कर निर्माण कराया गया था.मामले की शिकायत होने पर इसकी जांच की गई. प्रशासन ने आठ जुलाई 2008 के बाद के निर्माण को अवैध पाया और अवैध मकानों को तोड़ने का आदेश दे दिया था.
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