
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में माओवादियों से संबंध के आरोप में एक दंपति को उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने गिरफ्तार किया है. उन्हें भोपाल में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (जेएमएफसी) अदालत के समक्ष पेश किया गया था, जिसने 12 जुलाई तक दोनों को ट्रांजिट रिमांड में यूपी एटीएस को सौंप दिया. इनकी पहचान मनीष श्रीवास्तव और वर्षा उर्फ अनीता श्रीवास्तव के रूप में हुई. दोनों मूल रूप से पूर्वी यूपी के जौनपुर जिले के मछलीशहर के करीब रहने वाले थे. हालांकि पिछले कुछ सालों से भोपाल के शाहपुरा पुलिस स्टेशन के तहत पॉश विकास कुंज कॉलोनी में किराये से रह रहे थे.
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मंगलवार को ट्रांजिट रिमांड में भेजे जाने के बाद दोनों ने यूपी एटीएस की हिरासत में भोपाल कोर्ट परिसर में 'इंकलाब जिंदाबाद' के नारे लगाए. मनीष श्रीवास्तव ने पत्रकारों के सवालों का जवाब नहीं दिया, लेकिन वर्षा ने कहा कि 'आप उनसे पूछे जिन्होंने हमें गिरफ्तार किया है कि हमें किस अपराध के लिए गिरफ्तार किया गया है. हमारे संबंध किसी नक्सली संगठन से नहीं हैं, ना ही हम कोई राष्ट्र विरोधी काम कर रहे हैं.
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भोपाल में विकास कुंज कॉलोनी के लोगों के मुताबिक, दोनों करीब पांच साल से इलाके में रह रहे थे. वे पहले छह महीनों के लिए एक घर में रहते थे और बाद में पड़ोस के घर में चले गए थे, जहां से उन्हें सोमवार को गिरफ्तार किया गया था. अहम बात यह है कि दोनों घरों के मालिकों ने स्थानीय पुलिस के जरिये इनका वेरिफिकेशन नहीं कराया था. ऐसे में मकान मालिकों के खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है.
लोगों का कहना है कि मनीष ने उन्हें बताया था कि वो एक एनजीओ चलाते हैं, जबकि पत्नी वर्षा भोपाल के एक स्कूल में शिक्षक थीं. वर्षा ज्यादातर भोपाल में रहती थी, मनीष हर महीने सिर्फ कुछ दिनों के लिए घर पर आते थे. दोनों के खिलाफ अपहरण, आपराधिक साजिश, जालसाजी, धोखाधड़ी और धोखाधड़ी के लिए धारा 121 (ए), 120 बी, 415, 420, 467 और 468 के तहत आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया गया है.
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