एमपी को टाइगर स्टेट का दर्जा मिलते ही बांधवगढ़ टाइगर रिसर्व में बाघिन T62 और उसके एक शावक की मौत से वन विभाग में हड़कंप मच गया है. टाइगर रिसर्व के अधिकारी बाघों की मौत का कारण T33 नामक हमलावर बाघ को बता रहे हैं. बताया गया कि टाइगर रिजर्व के कल्हवाह रेंज में T62 बाघिन अपने दोनों शावकों के साथ शिकार कर रही थी कि तभी बाघ T33 ने शावक पर हमला कर दिया शावक को बचाने में बाघ बाघिन की लड़ाई में बाघिन की मौत हो गयी. बाघ ने एक शावक को भी मार डाला. दूसरा शावक जंगलों में भाग गया जिसे वन विभाग ने खोज लिया है. हालांकि टाइगर रिजर्व के अधिकारियों ने बाघ की मौत को मीडिया से छुपाने की कोशिश की.
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बांधवगढ टाइगर रिजर्व में बाघों की बढ़ती संख्या के कारण से जहां बाघो के लिए जमीन कम पड़ रही है, वहीं टाइगर रिजर्व में VIP के लिए टाइगर शो बाघों की जान का दुश्मन बन गया है. जिप्सियों का घने जंगलों में टाइगर के रहवास में आवाजाही, हाथियों से हांका लगवाकर टाइगर शो होने से टाइगर अपनी टेरेटरी बदल रहे हैं, जो बाद में बाघ-बाघ या फिर बाघ-मानव संघर्ष में बदल रहा है. इसका नतीजा बाघों की मौत के रूप में सामने आ रहा है.
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बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में किसी भी घटना की जानकारी प्रबंधन द्वारा नहीं दी जाती और मामले में लीपापोती कर दी जाती है. हालांकि यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में कई बाघ काल के गाल में समा गए और पार्क प्रबंधन हमेशा सतत मानीटरिंग की दुहाई देता रहा.
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