छत्तीसगढ़ के सरगुजा क्षेत्र में गुरुवार को एक और जंगली हथिनी मृत पाई गई. इस क्षेत्र में पिछले तीन दिन में तीन हथनियों की मौत हो चुकी है. राज्य के वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बलरामपुर जिले के राजपुर वन परिक्षेत्र में एक जंगली हथिनी का शव बरामद किया गया है. मंगलवार और बुधवार को भी वन विभाग ने सूरजपुर जिले के प्रतापपुर वन परिक्षेत्र से दो जंगली हथनियों के शव बरामद किए थे. इनमें से एक हथिनी गर्भवती थी. अधिकारियों ने इस हथिनी की मौत जिगर और तिल्ली की समस्या से होने की आशंका जताई थी. अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) अरुण कुमार पांडेय ने बताया कि तीन दिनों में सभी मृत हाथी मादा हैं तथा ऐसा प्रतीत हो रहा है कि सभी की मौत एक ही कारण से हुई है.
पांडेय ने बताया कि आज जिस हथिनी का शव बरामद किया गया है उसका पोस्टमार्टम कराया जा रहा है. वहीं दो मृत हथनियों के पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आई है और उनकी मौत स्वाभाविक नहीं है. रिपोर्ट में उनके जहर से मरने की आशंका जताई जा रही है. अधिकारी ने बताया कि अभी तक मिली जानकारी के अनुसार हाथियों का दल राजपुर से प्रतापपुर की ओर गया था. इस दौरान हाथियों ने गांव में घरों को नुकसान पहुंचाया था. आशंका है कि इस दौरान हाथियों ने महुआ फूल या घरों में रखे यूरिया को खा लिया था.
बलरामपुर मंडल के वन मंडल अधिकारी प्रणव मिश्रा ने बताया कि हथिनियों के मरने की जानकारी मिलने के बाद घटनास्थल पर वन विभाग का दल पहुंच गया था. मिश्रा ने बताया कि शव पर चोट के निशान नहीं मिले हैं. हथनियों की मौत दो तीन दिन पहले हुई है. मौत के कारणों के बारे में सही जानकारी पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद ही मिल सकेगी. वहीं वन विभाग ने क्षेत्र में तालाबों और पानी वाले अन्य स्थानों से नमूना एकत्र कर लिए हैं तथा इनमें जहर की जांच की जा रही है.
बिलासपुर के सामाजिक कार्यकर्ता मंसूर खान ने बताया कि पिछले वर्ष नवंबर में वन विभाग ने बलरामपुर जिले में हाथी दांत के लिए हाथियों की हत्या करने के आरोप में आठ लोगों को गिरफ्तार किया था. तीन हथिनियों की मौत में भी इस तरह से किसी साजिश से इंकार नहीं किया जा सकता है. खान ने कहा कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की जानी चाहिए. इसके बाद ही इस संबंध में सही जानकारी मिल सकेगी. छत्तीसगढ़ के उत्तर क्षेत्र के सरगुजा, कोरबा, रायगढ़, जशपुर और कोरिया जिले में हाथी और मानव के मध्य संघर्ष की खबरें अक्सर आती रहती हैं. इस क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों में हाथियों के हमले में कई लोगों की जान गई है तथा कई घरों को नुकसान पहुंचा है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं