मध्यप्रदेश के कई हिस्सों में लगातार बारिश से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है. रतलाम ज़िले के कई गांवों में गांव वाले फंस गये जिन्हें NDRF और SDRF की टीमों ने कई घंटों के मैराथन ऑपरेशन में बाहर निकाला. बाजना गांव में 250, डोडर में 550 तो वहीं आलोट से लगभग 50 गांववालों को बाहर निकाला गया. लगातार बारिश से तेलनी और माही नदियों में बाढ़ आ गई, जिसके कारण दो घर ढह गए जिसमें एक बुजुर्ग महिला गंभीर रूप से घायल हो गई. राजस्थान के रतलाम और आस-पास के बांसवाड़ा जिले के में दो नदियों में पानी बढ़ने से हजारों गांव संपर्क से कट गये. ऐसे में रतलाम के युवा एसपी और कलेक्टर ने एडीजी-एसडीआरएफ डीसी सागर से लगातार फोन संपर्क में रहकर लोगों को टापू में तब्दील गांवों से निकाला.
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2011 बैच के आईएएस अधिकारी, रतलाम जिला कलेक्टर रुचिका चौहान और 2010-बैच के युवा आईपीएस अधिकारी गौरव तिवारी की देखरेख में दो दिनों में NDRF और SDRF कर्मियों ने 10 नौकाओं में रतलाम जिले में और आसपास के 1000 ग्रामीणों को बचाया जिसमें बाजना, आलोट और डोडर गांव शामिल हैं. ग्राउंड जीरो पर तेज़ बहाव के खतरे के बीच रक्षा जैकेट में कलेक्टर रुचिका चौहान और एसपी गौरव तिवारी ने सामने से बचाव दल का नेतृत्व किया. 10 नौकाओं में बचाव दल के जवानों ने मैराथन बचाव अभियान में सभी ग्रामीणों को बचाया, जो सिर्फ बाजना में अल सुबह 2 बजे तक चला. एसपी-रतलाम गौरव तिवारी ने कहा, "सभी बचाए गए ग्रामीण सुरक्षित हैं और उन्हें सुरक्षित राहत शिविरों में पहुंचा दिया गया है और भोजन और चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की गई हैं."
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मध्यप्रदेश में एसडीआरएफ की 4 यूनिट हैं, जिसमें हरएक यूनिट में सिर्फ 20 कर्मचारी हैं. हालांकि एडीजी एसडीआरएफ डीसी सागर ने कहा, "बाजना जैसी स्थिति में हमें सर्जिकल और रणनीतिक तैनाती की जरूरत है. एसपी रतलाम के फोन के बाद हमने तुरंत बड़वानी और इंदौर से अपने प्रशिक्षित जवानों को फौरन रतलाम के लिये रवाना किया. हमारे माननीय महानिदेशक होमगार्ड, सिविल डिफेंस और आपदा प्रबंधन डीजी अशोक डोहरे के नेतृत्व में पूरी आपदा प्रबंधन टीम लगातार, बिना थके सफलतापूर्वक काम कर रही है. उन्होंने उम्मीद जताई कि हफ्ते भर में एसडीआरएफ को और 140 प्रशिक्षित कर्मचारी मिल जाएंगे. पुलिस के अलावा राज्य के जल संसाधन विभाग (डब्ल्यूआरडी) की टीमों ने 12 घंटे में गांव के पड़ोस में एक बड़े बांध में दरार की मरम्मत करके भड़ानाखुर्द और आस-पास के गांवों की बड़ी आबादी को किसी संभावित खतरे से बचाने में उल्लेखनीय भूमिका निभाई.
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रतलाम जिले के बाजना क्षेत्र में पिछले 24 घंटों में 257 मिलीमीटर से अधिक बारिश दर्ज की गई. निकटवर्ती मंदसौर जिले में, मंदसौर, सीतामऊ और मल्हारगढ़ क्षेत्रों के लगभग एक दर्जन गांवों और कस्बों में बारिश का पानी घुस गया है. बारिश के पानी ने मंदसौर जिला अस्पताल को भी अस्त-व्यस्त कर दिया है. समीपवर्ती शाजापुर और आगर-मालवा जिले में, विशेष रूप से आगर-मालवा जिले के सोयत इलाके में भी भारी बारिश से नदी नाले उफान पर हैं. मौसम विभाग ने पश्चिम और दक्षिण-पश्चिम मध्यप्रदेश के दस जिलों के लिए अगले 24 घंटों में बहुत भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है, जिसमें मंदसौर, नीमच, रतलाम, शाजापुर और आगर-मालवा शामिल हैं और 12 अन्य जिलों के ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. मध्यप्रदेश में इस बरसात में अबतक 205 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 600 से ज्यादा मवेशी मारे जा चुके हैं.
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