केंद्रीय मंत्री का मानना है कि अगर अधिकारी चुस्त हो जाएं तो विकास के कामों की गति दोगुनी हो जाएगी (फाइल फोटो)
इंदौर:
देश की नौकरशाही के घिसे-पिटे ढर्रे की निंदा करते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि अगर सुस्त चाल से काम करने वाले अफसर सुधर जाते, तो उनका मंत्रालय मौजूदा स्तर से दोगुना काम कर सकता था. गडकरी ने यहां अलग-अलग सड़क परियोजनाओं के शिलान्यास समारोह में कहा कि अधिकारियों की मानसिकता जल्दी काम करने की नहीं है. वे काम में समय लगाते हैं, काम को रफ से फेयर करते हैं, योजना को इधर-उधर घुमाते हैं और आपत्तियां ढूंढने में बहुत वक्त खराब करते हैं. अगर ये सुधर जाते, तो हम आज से दोगुना काम कर सकते थे.
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उन्होंने कहा, "अफसरों की सेवानिवृत्ति की उम्र 58 साल है और मेरे पास पांच साल का कार्यकाल है. मैं इन्हें कहता हूं कि वे मेरे कहे अनुसार ही काम करें." आधारभूत ढांचे के तेज विकास को नरेंद्र मोदी सरकार की प्राथमिकता बताते हुए गडकरी ने कहा कि जब वे मंत्री बने तब देश में केवल 96,000 किलोमीटर लम्बे राष्ट्रीय राजमार्ग थे. आज 1,78,000 किलोमीटर लम्बे राष्ट्रीय राजमार्ग हैं. उम्मीद है कि राष्ट्रीय राजमार्गों की लम्बाई जल्द ही 2,00,000 किलोमीटर हो जायेगी.
सड़क परिवहन मंत्री ने उम्मीद जतायी कि 6,000 करोड़ रुपये की लागत वाली इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन के निर्माण का काम चार महीने में शुरू हो जाएगा. उन्होंने कहा कि पहले तय हुआ था कि इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन के निर्माण का 50 प्रतिशत खर्च रेलवे उठाएगा, जबकि 25-25 फीसदी रकम मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की राज्य सरकारें देंगी. लेकिन दोनों प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों ने कहा कि उनकी सरकारों के पास धन की कमी है. इसलिए अब मुंबई स्थित इंडियन पोर्ट रेल कॉर्पोरेशन के जरिये इस रेल लाइन के निर्माण का फैसला किया है.
VIDEO:जब बड़े-बड़े सुधार होते हैं तो शुरुआती दिक्कतें आती हैं : नितिन गडकरी
गडकरी ने कहा कि इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन के जरिये मध्यप्रदेश से मुंबई के जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी) तक सड़क मार्ग के मुकाबले बेहद कम समय और भाड़े में माल पहुंचाया जा सकेगा. सड़क परिवहन मंत्री ने इंदौर में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की करीब 90 करोड़ रुपये की लागत वाली दो परियोजनाओं का शिलान्यास किया. इनके तहत शहर से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-तीन पर सर्विस रोड और एक अन्य स्थान पर अंडरपास बनाया गया है. उन्होंने यह भी बताया कि मध्य प्रदेश में कुल 6,000 करोड़ रुपये की लागत वाली नौ सड़क परियोजनाएं महीने भर में शुरू हो जाएंगी. इनमें भोपाल, ब्यावरा, औबेदुल्लागंज, बैतूल, मनगवां, सतना, गौहरगंज और जबलपुर से जुड़ी अलग-अलग परियोजनाएँ शामिल हैं.
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उन्होंने कहा, "अफसरों की सेवानिवृत्ति की उम्र 58 साल है और मेरे पास पांच साल का कार्यकाल है. मैं इन्हें कहता हूं कि वे मेरे कहे अनुसार ही काम करें." आधारभूत ढांचे के तेज विकास को नरेंद्र मोदी सरकार की प्राथमिकता बताते हुए गडकरी ने कहा कि जब वे मंत्री बने तब देश में केवल 96,000 किलोमीटर लम्बे राष्ट्रीय राजमार्ग थे. आज 1,78,000 किलोमीटर लम्बे राष्ट्रीय राजमार्ग हैं. उम्मीद है कि राष्ट्रीय राजमार्गों की लम्बाई जल्द ही 2,00,000 किलोमीटर हो जायेगी.
सड़क परिवहन मंत्री ने उम्मीद जतायी कि 6,000 करोड़ रुपये की लागत वाली इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन के निर्माण का काम चार महीने में शुरू हो जाएगा. उन्होंने कहा कि पहले तय हुआ था कि इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन के निर्माण का 50 प्रतिशत खर्च रेलवे उठाएगा, जबकि 25-25 फीसदी रकम मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की राज्य सरकारें देंगी. लेकिन दोनों प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों ने कहा कि उनकी सरकारों के पास धन की कमी है. इसलिए अब मुंबई स्थित इंडियन पोर्ट रेल कॉर्पोरेशन के जरिये इस रेल लाइन के निर्माण का फैसला किया है.
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गडकरी ने कहा कि इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन के जरिये मध्यप्रदेश से मुंबई के जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी) तक सड़क मार्ग के मुकाबले बेहद कम समय और भाड़े में माल पहुंचाया जा सकेगा. सड़क परिवहन मंत्री ने इंदौर में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की करीब 90 करोड़ रुपये की लागत वाली दो परियोजनाओं का शिलान्यास किया. इनके तहत शहर से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-तीन पर सर्विस रोड और एक अन्य स्थान पर अंडरपास बनाया गया है. उन्होंने यह भी बताया कि मध्य प्रदेश में कुल 6,000 करोड़ रुपये की लागत वाली नौ सड़क परियोजनाएं महीने भर में शुरू हो जाएंगी. इनमें भोपाल, ब्यावरा, औबेदुल्लागंज, बैतूल, मनगवां, सतना, गौहरगंज और जबलपुर से जुड़ी अलग-अलग परियोजनाएँ शामिल हैं.
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