मध्यप्रदेश में ढाई लाख से ज्यादा श्रमिक लौट चुके हैं, लेकिन अब बड़ी चुनौती राज्य में उनके हाथों को काम देने की है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना नियंत्रण के लिए दीर्घ अवधि और अल्प अवधि की योजनाओं पर कार्य किया जाएगा. लॉकडाउन की अवधि में राज्य में आर्थिक गतिविधियां हों, पर्याप्त सावधानी भी बरती जाए, श्रमिकों को रोजगार भी मिले, इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा.
वर्तमान में प्रदेश में मनरेगा से 17 लाख से अधिक मजदूरों को काम मिला है, पिछले साल करीब 11 लाख श्रमिकों को ही काम मिला था. इस तरह कोरोना संकट के समय 6 लाख से अधिक जरूरतमंदों को कार्यों से जोड़ा गया है.
मुख्यमंत्री ने ये भी बताया कि मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस पर नियंत्रण प्रभावी तरीके से हो रहा है. प्रदेश में रिकवरी रेट बढ़ रहा है जो बढ़कर 48 प्रतिशत हो गया है. प्रदेश में एग्रेसिव सेम्पलिंग शुरू की गई है. कोरोना के लिये मरीज़ों के लिये तैयारी के संबंध में उन्होंने बताया कि जल्दी ही राज्य में एक लाख तक बेड तैयार हो जाएंगे.
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