छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार और भूमकाल के संपादक कमल शुक्ला को सरेराह कांकेर में पीटा गया. आरोप है कि पुलिस तमाशबीन बनी देखती रही और कांग्रेस के स्थानीय नेता कमल शुक्ल को पीटते रहे. बताया जा रहा है कि भूमकाल के संपादक कमल शुक्ला कुछ पत्रकारों के साथ एक अन्य पत्रकार के साथ हुई मारपीट का विरोध कर रहे थे. इसी दौरान कुछ गुंडे मौके पर आ गए और उनके साथ मारपीट करने लगे. वह जोर-जोर से वरिष्ठ पत्रकार को गालियां दे रहे थे और मारने की बात कह रहे थे. इस दौरान उन्हें कुछ चोटे आईं.
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2018 में कमल शुक्ला के ख़िलाफ़ एक विवादित कार्टून को लेकर 'राजद्रोह' का मामला दर्ज़ किया गया था. कई पत्र-पत्रिकाओं से जुड़े रहे कांकेर के पत्रकार कमल शुक्ला बस्तर में पत्रकारों पर हुए माओवादी हमलों के बाद जंगल के इलाकों में माओवादियों के ख़िलाफ़ अभियान चला चुके हैं. बस्तर समेत छत्तीसगढ़ में पत्रकारों की सुरक्षा के लिए क़ानून बनाए जाने की मांग को लेकर उन्होंने कई आंदोलनों का नेतृत्व किया है.
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