आईपीएल क्रिकेट के सट्टे में हर वर्ग का तबका जुड़ा है और बर्बादी की कहानी भी सामने आ रही है. ताजा मामला सागर जिले में देखने को मिला. जिले के बीना में सब पोस्ट आफिस के एक पोस्ट मास्टर ने लोगों की मेहनत से जमा की गई बचत की राशि आईपीएल के सट्टे में उड़ा दी. ग्राहक अपनी जमा राशि पाने के लिए पासबुक लेकर डाकघर के चक्कर लगा रहे हैं. पोस्ट मास्टर ने कई ग्राहकों से लाखों रुपये लिए और फर्जी पासबुक, एफडी थमा दी. जब लोग पैसा निकालने गए तो पूरे मामले का खुलासा हुआ. अब ग्राहक दर-दर भटक रहे हैं. इनमें से कुछ ग्राहकों ने शादी के लिए पैसा जमा कर रखा था. उनकी हालत खराब है. पुलिस ने पोस्ट मास्टर पर मामला दर्ज करके उसे गिरफ्तार कर लिया है.
बीना उप डाकघर के पोस्ट मास्टर विशाल अहिरवार को 20 मई को बीना गवर्नमेंट रेलवे पुलिस (GRP) ने गिरफ्तार किया था. वह वर्तमान में पुलिस रिमांड पर है. उसने पुलिस के सामने कबूल किया है कि उसने पिछले दो साल में आईपीएल सट्टेबाजी में एक करोड़ रुपये से अधिक पैसा लगाया.
बीना-जीआरपी थाना प्रभारी अजय धुर्वे ने कहा, "गिरफ्तार किए गए सब पोस्टमास्टर विशाल अहिरवार पर अभी धारा 420 आईपीसी (धोखाधड़ी) और 408 आईपीसी (आपराधिक विश्वासघात) के तहत मामला दर्ज किया गया है. मामले में और धाराएं जोड़ी जा सकती हैं. आरोपी सब पोस्टमास्टर ने नकली एफडी खातों के लिए वास्तविक पासबुक जारी की और पिछले दो वर्षों से आईपीएल क्रिकेट सट्टेबाजी में पूरा पैसा लगाया.
सुनहरे भविष्य के लिए जमा की राशि,अब भटक रहे हैं ग्राहक
सुनहरे भविष्य के सपने संजोकर पाई-पाई की बचत करने वाले ग्राहकों पर बीना पोस्ट ऑफिस में कर्मचारी ने चपत लगा दी है. इससे वे दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. वे जमा राशि पाने के लिए परेशान हैं जिसे गबन करने वाले आरोपी ने आईपीएल सट्टे में उड़ा दिया है. पोस्ट मास्टर विशाल अहिरवार ने धोखाधड़ी करके आईपीएल का सट्टा खेल लिया है. इन उपभोक्ताओं की कहानी बड़ी मार्मिक है. ग्राहकों की आंखों में आंसू हैं.
कोरोना काल में पति को खो चुकी वर्षा बाथरी की कहानी बेहद दर्द भरी है. वर्षा बताती है कि उनके पति की कोरोना काल में मौत हो गई थी. ससुर का भी निधन हो गया. उन्होंने बताया कि ''मेरे पति ने बच्चों के सुनहरे भविष्य के सपनों को साकार करने के लिए 9 लाख रुपये की एफडी पोस्ट आफिस में की थी. अखबार से पता चला यहां गड़बड़ हुई. पैसा उप डाकपाल ने निकालकर गबन किया. यहां कोई जवाब नहीं देता. आप बताओ में क्या करूं?''
बीना पोस्ट आफिस के सटोरिया पोस्ट मास्टर विशाल अहिरवार की करतूत ने बुजुर्ग महिला किशोरीबाई की आंखों में आंसू ला दिए. पोस्ट ऑफिस में मेहनत करके एक-एक रुपये जोड़कर जमा करने वालीं किशोरीबाई कहती हैं कि ''हमने पांच लाख रुपया जमा किया था. चार बेटियां हैं. अभी दो की शादी है. पोस्ट आफिस में कोई बात ही नहीं करता है. जरूरत पर जमा राशि का अता-पता नहीं है.अब कहते हैं पासबुक फर्जी है.''
पोस्ट आफिस के ग्राहकों की ऐसी दर्द भरी कहानियां कम नहीं हैं. लोगों का विश्वास हिल गया है. उम्र के अंतिम पड़ाव मे लाठी के सहारे चलने वाले बुजुर्ग परमानन्द साहू रिटायरमेंट के बाद पोस्ट आफिस में जमा राशि पाने के लिए चक्कर काट रहे हैं.
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