राज्यसभा की दो सीटों के लिए उत्तरप्रदेश के राजीव शुक्ला और बिहार की रंजीत रंजन ने कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में नामांकन भर दिया है. बीजेपी द्वारा बाहरी को प्रत्याशी बनाए जाने के आरोप पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ''आज ही उत्तरप्रदेश से सातवें उम्मीदवार के रूप में आंध्रप्रदेश या तेलंगाना के व्यक्ति को मौका दिया गया है. बीजेपी का नजरिया यहां अलग है और उत्तरप्रदेश में अलग है.''
उन्होंने कहा कि ''सभी पार्टियों का अलग-अलग जगह अलग-अलग समीकरण होता है.'' बीजेपी से प्रश्न करते हुए बघेल ने कहा कि ''वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कहां से राज्यसभा भेजी गईं, क्या वे मध्यप्रदेश की रहने वाली हैं? राज्यसभा में हर पार्टी अनेक राज्यों से कैंडीडेट भेजती रही है. कांग्रेस तो राष्ट्रीय पार्टी है. यह पहला उदाहरण नहीं है. यह बात सही है कि लोग अपेक्षा कर रहे थे कि छत्तीसगढ़ से भी कोई कैंडीडेट जाए. इस समय नहीं हुआ, अगली बार मौका दिया जाएगा.''
छत्तीसगढ़ विधानसभा में कांग्रेस के 71 विधायक होने की वजह से जीत सुनिश्चित है, लेकिन कांग्रेस की निर्विरोध विजय की ख्वाहिश पर जेसीसीजे ने पानी फेर दिया. आखिरी वक्त में पूर्व कैबिनेट मंत्री हरिदास भारद्वाज ने नामांकन दाखिल कर दिया. जेसीसीजे छत्तीसगढ़ की अस्मिता के लिए विधायकों के आवास पर जाकर समर्थन मांगेगी.
नामांकन के बाद रंजीत रंजन ने कहा कि छत्तीसगढ़ के साथ बिहार को मजबूत करने की जिम्मेदारी मिली है, उसे निभाऊंगी. इधर वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला का कहना है कि छत्तीसगढ़ के मुद्दों को सदन में उठाकर केंद्र सरकार से मिलकर पूरा कराना होगा.
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