कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (फाइल फोटो)
इंदौर:
देशव्यापी किसान आंदोलन के समर्थन में राहुल गांधी की अगुवाई में मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में आयोजित हालिया रैली के बाद भाजपा ने कांग्रेस अध्यक्ष पर हमले तेज कर दिये हैं. भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह 'मस्त' ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा, "क्या आपको राहुल गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे कांग्रेस नेता चेहरे से किसान नजर आते हैं. इन लोगों को किसानों के बारे में केवल किताबी जानकारी है." उन्होंने कहा, "ये नेता बचपन में माई (मां) की गोद में नहीं, बल्कि दाई की गोद में पले हैं. हम किसान माई की गोद में पले हैं. हमें यह भी पता है कि इस धरती मां की ममता क्या होती है." राहुल ने मंदसौर में छह जून को आयोजित 'किसान समृद्धि संकल्प रैली' में बड़ी घोषणा की थी कि मध्य प्रदेश के अगले विधानसभा चुनावों में अगर कांग्रेस की सरकार बनी तो 10 दिन के भीतर किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा.
उत्तर प्रदेश के भदोही से 61 वर्षीय लोकसभा सदस्य ने कहा, "यह अच्छी बात है कि राहुल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नकल करना सीख गये हैं. मोदी ने उत्तर प्रदेश के पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान वादा किया था कि भाजपा की सरकार बनने पर किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा." मस्त ने कहा, "....लेकिन राहुल किसी भ्रम में न रहें. उनके इस जन्म में उनकी पार्टी को मध्य प्रदेश की सत्ता नहीं मिलने वाली है."
भाजपा किसान मोर्चा प्रमुख ने एक सवाल पर कहा, "जो लोग किसान आंदोलन के दौरान सड़कों पर दूध और फल सब्जियां बिखेर रहे हैं, वे असली किसान नहीं हैं. ये लोग किसान आंदोलन की आड़ में कुछ सत्तालोलुप लोगों की साजिश को अमली जामा पहना रहे हैं." मस्त ने कहा कि वह राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के अध्यक्ष शिव कुमार शर्मा उर्फ 'कक्काजी' और किसान आंदोलन के अन्य प्रमुख नेताओं से कृषि क्षेत्र की समस्याओं पर बातचीत करने को तैयार हैं.
मस्त, भाजपा के आयोजित 'किसान समर्थन मार्च' में हिस्सा लेने इंदौर पहुंचे थे. आस-पास के इलाकों के हजारों किसान ट्रैक्टरों पर सवार होकर इस रैली में शामिल हुए. मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री जयंत मलैया और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भी किसान रैली में भाग लिया. भाजपा के एक प्रवक्ता ने कहा कि यह रैली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की कृषि हितैषी योजनाओं के समर्थन में आयोजित की गयी थी. हालांकि, सियासत के जानकार इस आयोजन को मंदसौर में राहुल की हालिया रैली के जवाब के रूप में भी देख रहे हैं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उत्तर प्रदेश के भदोही से 61 वर्षीय लोकसभा सदस्य ने कहा, "यह अच्छी बात है कि राहुल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नकल करना सीख गये हैं. मोदी ने उत्तर प्रदेश के पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान वादा किया था कि भाजपा की सरकार बनने पर किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा." मस्त ने कहा, "....लेकिन राहुल किसी भ्रम में न रहें. उनके इस जन्म में उनकी पार्टी को मध्य प्रदेश की सत्ता नहीं मिलने वाली है."
भाजपा किसान मोर्चा प्रमुख ने एक सवाल पर कहा, "जो लोग किसान आंदोलन के दौरान सड़कों पर दूध और फल सब्जियां बिखेर रहे हैं, वे असली किसान नहीं हैं. ये लोग किसान आंदोलन की आड़ में कुछ सत्तालोलुप लोगों की साजिश को अमली जामा पहना रहे हैं." मस्त ने कहा कि वह राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के अध्यक्ष शिव कुमार शर्मा उर्फ 'कक्काजी' और किसान आंदोलन के अन्य प्रमुख नेताओं से कृषि क्षेत्र की समस्याओं पर बातचीत करने को तैयार हैं.
मस्त, भाजपा के आयोजित 'किसान समर्थन मार्च' में हिस्सा लेने इंदौर पहुंचे थे. आस-पास के इलाकों के हजारों किसान ट्रैक्टरों पर सवार होकर इस रैली में शामिल हुए. मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री जयंत मलैया और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भी किसान रैली में भाग लिया. भाजपा के एक प्रवक्ता ने कहा कि यह रैली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की कृषि हितैषी योजनाओं के समर्थन में आयोजित की गयी थी. हालांकि, सियासत के जानकार इस आयोजन को मंदसौर में राहुल की हालिया रैली के जवाब के रूप में भी देख रहे हैं.
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