विज्ञापन
This Article is From Jul 28, 2019

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों की पढ़ाई के लिए पुलिस ने खोला स्कूल

नक्सलवादी गतिविधियों में शामिल हो जाने की वजह से कई लोगों को अपना स्कूल छोड़ना पड़ा था.

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों की पढ़ाई के लिए पुलिस ने खोला स्कूल
स्कूल में इस समय आत्मसमर्पण कर चुके 300 नक्सली पढ़ रहे हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
  • समर्पण कर चुके नक्सलियों के लिए पुलिस ने खुला स्कूल
  • स्कूल में 3 शिक्षक और 300 नक्सली
  • पढ़ाई के साथ पुलिस बल का भी हैं हिस्सा
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
रायपुर:

छत्तीसगढ़ पुलिस ने आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को लेकर एक बड़ा ही सराहनीय कदम उठाया है. पुलिस ने इनके लिए  नारायणपुर जिले में एक स्कूल खोला है, जिसमें 3 शिक्षक हैं और मौजूदा समय में 300 से अधिक ऐसे नक्सली पढ़ रहे हैं, जो आत्मसमर्पण कर चुके हैं. ये सभी लोग पुलिस बल का हिस्सा हैं.  नारायणपुर के पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग ने बताया, ‘आत्मसमर्पण करने वाले अधिकतर नक्सली इसलिए पहले पढ़ नहीं सकें क्योंकि माओवादियों ने उनके स्कूल नष्ट कर दिए थे. कई लोगों को नक्सलवाद में शामिल होने के लिए स्कूल छोड़ना पड़ा. पुलिस बल में शामिल होने के बाद उन्होंने पढ़ने की इच्छा जताई.'

सुरक्षाबलों ने बस्तर में 7 नक्सलियों को मार गिराया, हथियार बरामद 

गर्ग ने कहा कि इसका लक्ष्य इन लोगों को बाहर की दुनिया से जोड़ना और शिक्षा के जरिए उनमें आत्मविश्वास बढ़ाना है. इस कदम से ही उनका पूरी तरह से पुनरूद्धार होगा. उन्होंने बताया कि इन लोगों को तीन समूहों में बांटा गया था. पहला समूह अशिक्षित लोगों, दूसरा समूह कक्षा पांचवीं तक पढ़े लोगों और तीसरा समूह कक्षा आठवीं तक पढ़े लोगों का है.

सुरक्षा बल के जवानों को निशाना बनाने के लिए नक्सलियों की नई चाल

नक्सली से पुलिसकर्मी बने 30 वर्षीय अमर पोटाई  ने बताया कि उनका शिक्षित होने का सपना साकार हो रहा है.  कांस्टेबल पोटाई ने कहा, ‘‘मैं अब पढ़-लिख सकता हूं. बस्तर करीब तीन दशक से माओवाद से संघर्ष कर रहा है. इसके कारण मेरी तरह कई लोग अशिक्षित रह गए हैं.' इसी प्रकार पिछले साल आत्मसमर्पण कर चुकीं सुमित्रा साहू (32) ने कहा कि वह केवल दो साल स्कूल गईं. उन्होंने कहा, ‘सशस्त्र नक्लसियों ने मेरे स्कूल को नष्ट कर दिया. इसके बाद वे मुझे नक्सली संगठन में शामिल होने ले लिए अपने साथ ले गए. कहते हैं कि जिंदगी दूसरा मौका देती हैं. मुझे दोबारा पढ़ने का मौका मिला जिससे मैं बहुत खुश हूं.' (इनपुट-भाषा)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com