फाइल फोटो
सतना:
मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूल धीरे-धीरे प्रयोग की पाठशाला बनते जा रहे हैं. राज्य के स्कूल शिक्षा मंत्री विजय शाह ने पहले स्कूलों को ज्यादा पैसा देने वाली कंपनियों के नाम करने का ऐलान किया था, तो अब कहा है कि छात्र उपस्थिति (हाजिरी) के समय 'यस सर' नहीं 'जय हिंद सर' बोलेंगे. इसकी शुरुआत 1 अक्टूबर से प्रायोगिक तौर पर सतना जिले से होगी. स्कूल शिक्षा मंत्री शाह मंगलवार को सतना जिले के चित्रकूट में थे. यहां विधानसभा का उप-चुनाव होने वाला है. लिहाजा मंत्रियों की सक्रियता बढ़ी हुई है. इसी क्रम में शाह ने स्कूल शिक्षा विभाग के अफसरों के साथ बैठक की. उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी में राष्ट्रभक्ति का जज्बा बढ़े, इसके लिए सभी शासकीय स्कूलों में प्रारंभ में ही प्रतिदिन ध्वजारोहण एवं राष्ट्रगान गाने के निर्देश दिए गए हैं.
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सतना जिले से ही प्रायोगिक तौर पर बच्चों की उपस्थिति के समय 'यस सर' बोलने के स्थान पर 'जय हिंद सर' बोलने की व्यवस्था 1 अक्टूबर से लागू किए जाने का निर्णय लिया जा रहा है. इसके बाद इसे पूरे प्रदेश मे लागू किया जाएगा. पिछले दिनों स्कूल शिक्षा मंत्री शाह ने सरकारी स्कूलों के नाम कंपनियों के नाम करने का सागर में आयोजित एक समारोह में ऐलान किया था.
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उन्होंने कहा था कि जो कंपनी ज्यादा पैसे देगी, उसके नाम पर स्कूल का नाम एक साल के लिए हो जाएगा. अगले साल जो कंपनी ज्यादा रकम देगी, उसके नाम पर स्कूल का नामकरण होगा. इससे सरकार के पैसों की बचत होगी और कंपनी का प्रचार भी हो जाएगा. मंत्री का दावा है कि इससे राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी सहमत हैं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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सतना जिले से ही प्रायोगिक तौर पर बच्चों की उपस्थिति के समय 'यस सर' बोलने के स्थान पर 'जय हिंद सर' बोलने की व्यवस्था 1 अक्टूबर से लागू किए जाने का निर्णय लिया जा रहा है. इसके बाद इसे पूरे प्रदेश मे लागू किया जाएगा. पिछले दिनों स्कूल शिक्षा मंत्री शाह ने सरकारी स्कूलों के नाम कंपनियों के नाम करने का सागर में आयोजित एक समारोह में ऐलान किया था.
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उन्होंने कहा था कि जो कंपनी ज्यादा पैसे देगी, उसके नाम पर स्कूल का नाम एक साल के लिए हो जाएगा. अगले साल जो कंपनी ज्यादा रकम देगी, उसके नाम पर स्कूल का नामकरण होगा. इससे सरकार के पैसों की बचत होगी और कंपनी का प्रचार भी हो जाएगा. मंत्री का दावा है कि इससे राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी सहमत हैं.
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