महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान (फाइल फोटो)
भोपाल:
आप नौकरी, घर-बार, ज़मीन-जायदाद में परेशानी झेल रहे हैं, बीमार हैं तो आपको सलाह देगी मध्यप्रदेश सरकार. चौंकिये मत, इसके लिये बाकायदा पढ़े-लिखे ज्योतिषी तैयार किये जा रहे हैं वो भी सरकारी संस्थान में. शिक्षा विभाग के अंतर्गत चलने वाले महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान से निकलेंगे डिप्लोमाधारी ज्योतिषी, वास्तु विशारद, हस्तरेखा विशेषज्ञ. एक साल के डिप्लोमा के लिये पाठ्यक्रम तैयार है, यहां से डिप्लोमा मिलेगा, वो भी सरकारी. नौकरी भी मिल सकती है सलाह देने की, यहां से पढ़े ज्योतिषी सरकारी अस्पतालों में मरीजों की कुंडली और 'जीवनरेखा' के अनुसार उन्हें परामर्श देंगे. महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान के उपसंचालक प्रशांत डोलस ने कहा यहां हम करियर, शिक्षा से संबंधित जानकारी गणित के जरिये देने की कोशिश करेंगे, अभी हम देखते हैं लोग अधकचरी जानकारी लेकर, गली-मोहल्लों में बैठकर भ्रम पैदा करते हैं, हम अपने परामर्श केन्द्रों में जो उसकी जानकारी रखते हैं उनसे परामर्श ले सकते हैं.
संस्थान में ज्योतिष, वास्तुशास्त्र और पुरोहित तैयार करने के लिये 30-30 सीटें होंगी. एक साल के लिये 20,000 की फीस देनी होगी और चयन एमपी ऑनलाइन के ज़रिये होगा. न्यूनतम योग्यता दसवीं पास है, मेरिट लिस्ट बनाने में दसवीं के 50 फीसद अंक, बारहवीं और ग्रैजुएशन के 25-25 फीसदी अंक जुड़ेंगे. इन तीनों पाठ्यक्रमों के लिये संस्थान को 23 लाख का बजट मिला है जिसमें 18 लाख शिक्षकों के वेतन के लिये जबकि 5 लाख रुपये आधारभूत सुविधाओं के लिये. बस पांच रुपये में सरकारी ज्योतिषी आपको उपाय बताएंगे, हालांकि विपक्षी कांग्रेस को लगता है, ये एजेंडा संघ का है.
कांग्रेस के विधायक और सचिव जीतू पटवारी ने कहा, 'जिस प्रदेश में हर व्यक्ति दुखी हो वहां पांच रुपये में कौन अपना दुखी भविष्य जानना चाहता होगा. बीजेपी का हमेशा से लोगों की भावनाओं से खेलकर वोट लेने की कोशिश करती है, ये छिपा हुआ एजेंडा है. एक सरकार का ये काम नहीं है.' विद्या परिषद की बैठक में पाठ्यक्रम का अनुमोदन हो चुका है, वर-वधू मिलाप से लेकर, यहां से पढ़े लिखे डिप्लोमाधारी जेल-घर-दफ्तर में हाथ से लेकर माथे की लकीरें पढ़ेंगे, शनि से लेकर मंगल दोष तक सरकारी वैधता के साथ हरेंगे.
वीडियो : बीमार हैं तो आपको सलाह देगी मध्य प्रदेश सरकार
संस्थान में ज्योतिष, वास्तुशास्त्र और पुरोहित तैयार करने के लिये 30-30 सीटें होंगी. एक साल के लिये 20,000 की फीस देनी होगी और चयन एमपी ऑनलाइन के ज़रिये होगा. न्यूनतम योग्यता दसवीं पास है, मेरिट लिस्ट बनाने में दसवीं के 50 फीसद अंक, बारहवीं और ग्रैजुएशन के 25-25 फीसदी अंक जुड़ेंगे. इन तीनों पाठ्यक्रमों के लिये संस्थान को 23 लाख का बजट मिला है जिसमें 18 लाख शिक्षकों के वेतन के लिये जबकि 5 लाख रुपये आधारभूत सुविधाओं के लिये. बस पांच रुपये में सरकारी ज्योतिषी आपको उपाय बताएंगे, हालांकि विपक्षी कांग्रेस को लगता है, ये एजेंडा संघ का है.
कांग्रेस के विधायक और सचिव जीतू पटवारी ने कहा, 'जिस प्रदेश में हर व्यक्ति दुखी हो वहां पांच रुपये में कौन अपना दुखी भविष्य जानना चाहता होगा. बीजेपी का हमेशा से लोगों की भावनाओं से खेलकर वोट लेने की कोशिश करती है, ये छिपा हुआ एजेंडा है. एक सरकार का ये काम नहीं है.' विद्या परिषद की बैठक में पाठ्यक्रम का अनुमोदन हो चुका है, वर-वधू मिलाप से लेकर, यहां से पढ़े लिखे डिप्लोमाधारी जेल-घर-दफ्तर में हाथ से लेकर माथे की लकीरें पढ़ेंगे, शनि से लेकर मंगल दोष तक सरकारी वैधता के साथ हरेंगे.
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