मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले में बलात्कार की पीड़ित नाबालिग बच्ची के पिता ने गांव की पंचायत पर छुआ छूत के नाम पर रेप पीड़िता के शुद्धिकारण के लिए परिजनों को मांसाहारी भोज कराने के फरमान का आरोप लगाया है. हालांकि प्रशासन का कहना है कि उनकी प्राथमिक जांच में इस तरह का कोई मामला सामने नहीं आया है. राजगढ़ जिले के एक गांव में पीड़ित परिवार की 16 साल की बिटिया के साथ पहले बलात्कार हुआ, बाद में पंचायत ने फरमान दिया कि आरोपी निचली जात का था इसलिये उन्हें शुद्धिकरण कराना होगा. शुद्धिकरण की प्रक्रिया गांव के लिये मांसाहार का भंडारा. बच्ची के पिता ने परेशान होकर बताया कि 'समाज वाले भंडारा मांग रहे हैं, मुझे पानी नहीं भरने देते, जिद कर रहे हैं. मेरे पास पैसे नहीं हैं, मैं भंडारा कैसे करूं, मुझे पात्र नहीं बताते हैं. पीड़ित के मां-बाप ने राजगढ़ में कलेक्टर दफ्तर में न्याय की गुहार लगाई. महिला-बाल विकास अधिकारी चंद्रसेना भिड़े ने बताया, 'माता-पिता मेरे पास आए थे, मैंने उनके बोला है कि एफआईआर करें, जितने भी दोषी हैं उनको बख्शा नहीं जाएगा.'
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हालांकि एक दिन बाद जांच होते ही अधिकारियों के सुर बदल गये. एडिश्नल एसपी एन एस सिसौदिया ने कहा, 'महिला बाल विकास अधिकारी को उन्होंने आवेदन दिया था, जब महिला बाल विकास अधिकारी, राजस्व और पुलिस की टीम ने गांव में जाकर जांच की, पूछताछ की तो वहां ऐसी चीज नहीं आई है, आपसी मनमुटाव है तो उन्होंने फैसला किया है कि सत्यनारायण भगवान की कथा करेंगे, प्रसाद बांटेंगे. बोलचाल में बोल दिया होगा ऐसी कोई बात नहीं है.' एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर मध्यप्रदेश बहुत महफूज नहीं है. ऐसे में 24 घंटे में पीड़ित को कठघरे में खड़ा करने से जांच की प्रामाणिकता पर सवाल उठने लाज़िमी है.
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(राजगढ़ में तनवीर के इनपुट के साथ)