प्रतीकात्मक चित्र
इंदौर:
लोकायुक्त पुलिस ने लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के एक आला अधिकारी के ठिकानों पर आज छापे मारे और मध्यप्रदेश के अलग-अलग शहरों में उसकी बेहिसाब संपत्ति के खुलासे का दावा किया.
लोकायुक्त पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पीडब्ल्यूडी के इंदौर में पदस्थ कार्यपालन इंजीनियर (ईई) आनंदप्रकाश राणे के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार से अनुपातहीन संपत्ति बनाने की शिकायत मिली थी. इस शिकायत पर शहर में उनके और उनके भाई विजयप्रकाश राणे के घरों पर छापे मारे गये.
अधिकारी ने बताया कि लोकायुक्त पुलिस के छापों से पता चला कि राणे, उनके भाई और उनके अन्य करीबी रिश्तेदारों के नाम से खरीदी गयी बेहिसाब संपत्ति में ग्वालियर में दो मकान, भोपाल में दो मकान, इंदौर में तीन फ्लैट और दो भूखंड शामिल हैं. उन्होंने बताया कि छापों के दौरान राणे और उनके नजदीकी रिश्तेदारों के करीब 10 बैंक खातों और एक बैंक लॉकर के बारे में भी जानकारी मिली है.
लोकायुक्त पुलिस के अधिकारी ने बताया कि राणे 21 जुलाई 1992 को सहायक इंजीनियर के पद पर पीडब्ल्यूडी की सरकारी सेवा में शामिल हुए थे. उनकी अनुपातहीन संपत्ति का विस्तृत मूल्यांकन किया जा रहा है.
लोकायुक्त पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पीडब्ल्यूडी के इंदौर में पदस्थ कार्यपालन इंजीनियर (ईई) आनंदप्रकाश राणे के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार से अनुपातहीन संपत्ति बनाने की शिकायत मिली थी. इस शिकायत पर शहर में उनके और उनके भाई विजयप्रकाश राणे के घरों पर छापे मारे गये.
अधिकारी ने बताया कि लोकायुक्त पुलिस के छापों से पता चला कि राणे, उनके भाई और उनके अन्य करीबी रिश्तेदारों के नाम से खरीदी गयी बेहिसाब संपत्ति में ग्वालियर में दो मकान, भोपाल में दो मकान, इंदौर में तीन फ्लैट और दो भूखंड शामिल हैं. उन्होंने बताया कि छापों के दौरान राणे और उनके नजदीकी रिश्तेदारों के करीब 10 बैंक खातों और एक बैंक लॉकर के बारे में भी जानकारी मिली है.
लोकायुक्त पुलिस के अधिकारी ने बताया कि राणे 21 जुलाई 1992 को सहायक इंजीनियर के पद पर पीडब्ल्यूडी की सरकारी सेवा में शामिल हुए थे. उनकी अनुपातहीन संपत्ति का विस्तृत मूल्यांकन किया जा रहा है.
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