मध्य प्रदेश के कामगार युवाओं की केबल चोरी के आरोप में राजकोट में बेरहमी से पिटाई

कामगार युवाओं की पिटाई पर हीरालाल अलावा (मनावर विधायक जयस संरक्षक) ने कहा कि हमारा संगठन ऐसे घृणित कार्य की निंदा करता है.

मध्य प्रदेश के कामगार युवाओं की केबल चोरी के आरोप में राजकोट में बेरहमी से पिटाई

मारपीट का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल

एक ओर म.प्र. सरकार सब कुछ सही है का राग अलापते रहती है. वहीं प्रदेश व जिले से काम व रोजीरोटी की तलाश में पलायन लगातार जारी रहा है. ये कामगार देश के विभिन्न हिस्सों में जाकर अपनी रोजी रोटी तलाशते रहे हैं. अनूपपुर जिले के सेंदुरी, क्योटार, चचाई बस्ती के 15 युवक काम की तलाश में राजकोट के मटोडा नामक जगह पर कोर केबिल प्राईवेट लिमिटेड कम्पनी में काम करने पहुंचे. जहां चोरी का इल्जाम लगा इन युवकों की बेरहमी से पिटाई की गई. जिसके निशान इनके शरीर पर साफ दिखाई दे रहे हैं. वहीं रहने वाले इनके किसी साथी ने पिटाई के बाद एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में डाला. जो जमकर वायरल हो रहा है. सोशल मीडिया पर लोग इसे गुजरात मॉडल की वास्तविकता बता रहे हैं. बहरहाल यह राजनीतिक उठापटक, आरोप प्रत्यारोप का विषय बना हुआ है. लेकिन कारण चाहे जो हो इस तरह बेरहमी से की गई पिटाई को किसी लिहाज से उचित नही ठहराया जा सकता.

यह है कामगारों की पिटाई का पूरा मामला

अनूपपुर जिले के सेंदुरी, क्योटार, चचाई बस्ती के 15 युवक गुजरात के मटोडा में स्थापित कोर केविल प्राईवेट लिमिटेड कम्पनी में काम करने गये हुये थे. कामगार लडक़ो के साथ प्रबंधन कोर केविल प्रा लिमिटेड प्लांट नंबर 2333 ष्ठ -2 मटोडा राजकोट गुजरात के 7-8 क्विंटल केबल चोरी का आरोप लगाकर बेरहमी के साथ मारपीट की गई. जिससे मजदूरों के हाथ पैर में सूजन तक आ गई. इनमें से अधिकतर मजदूर कोल जनजाति के आदिवासी मजदूर हैं. जो गरीबी के कारण गांव, जिला एवं प्रदेश में काम नहीं मिलने के कारण पलायन कर अन्य राज्यों में रोज़ी रोटी के लिए गये हुये थे. मारपीट के बाद इनके किसी साथी ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में डाला. जो कि जमकर वायरल हो रहा है.

इस मामले पर हीरालाल अलावा (मनावर विधायक जयस संरक्षक) ने कहा कि हमारा संगठन ऐसे घृणित कार्य का निंदा करता है. पीएम मोदी का यह गृह राज्य है यहां वे दशकों तक मुख्यमंत्री भी रह चुकें है. ऐसे में गरीब आदिवासी युवा जो रोजगार के आभाव में काम की तलाश में वहां पहुंचे. उनके साथ बर्बरता बरती गई, जिसे बिल्कुल भी सही नही कहा जा सकता. हमारा संगठन प्रधानमंत्री से मांग करता है कि एक कमेटी गठित कर निष्पक्ष जांच कराई जाये और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाये. दूसरी तरफ अनेक राज्यों के कामगार गुजरात जाते हैं. जिसका सीधा संबध उन कामगारों के गृह राज्यों से है, जो अपने प्रदेश में रोजगार उपलब्ध नही करा पा रहे हैं. जिसकी वजह से पलायन और ऐसे भयावह दृश्य सामने आते हैं. मैने यह वीडियो देखा है जो निंदनीय के साथ विभत्सक भी दिखाई देता है.

रामलाल रौतेल (अध्यक्ष कोल विकास प्राधिकरण (म.प्र.) ने कहा कि वर्तमान म.प्र. सरकार में कोल विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष व पूर्व विधायक रामलाल रौतेल इसी जाति से आते हैं. गुजरात में इन दिनों बीजेपी की सरकार है और म.प्र. में भी इसी राजनीति दल की सरकार बैठी हुई है. जब इस विषय पर रामलाल रौतेल से बात की गई तो उनका कहना है कि इनके परिजन मेरे से मिलकर उक्त घटना की जानकारी दिये है, तब मेरे द्वारा गुजरात के मटोडा में पार्षद, सांसद व कम्पनी के मैनेजर से बात कर वास्तविकता जाननी चाही. तब पता चला कि केबल वायर जो कम्पनी का चोरी हुआ था वह इन्ही लडक़ों के पास से बरामद हुआ है. दोनों पक्षों में आपसी सहमति बनकर सुलह हो चुकी है. कम्पनी कामगार इन लडक़ो का पूरा हिसाब कर उन्हे वापिस अपने गृह ग्राम भेज रही है साथ ही उन्होने कहा कि मारपीट निंदनीय है.

सुनील सराफ (कांग्रेस विधायक कोतमा) ने कहा कि क्या यही है गुजरात मॉडल मोदी मॉडल है. ये लोग हिंदु मुस्लिम करते करते, अब यहां तक आ गये कि मजदूरों पर बरस रहे डंडों पर चुप्पी साधे रहेगें. मेरे विधानसभा क्षेत्र में देश के कोने-कोने के लोग निवासरत हैं. कारण माईनिंग क्षेत्र है लोग रोजगार की तलाश मे यहां आकर निवास करते हैं. किन्तु सभी भाईचारे के साथ रहते हैं. वहीं दूसरे ओर बीजेपी जिस मोदी जिस मॉडल गुजरात की बात करती है. वहां ऐसे बर्बरता पूर्वक व्यवहार इंसानों के साथ किया गया है, जो बेहद ही निंदनीय है हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं और सरकार से उम्मीद करते हैं कम से कम जांच कराकर न्याय उचित कार्य करने का प्रयत्न करे.

बादल सरोज (वरिष्ठ श्रमिक नेता ) ने कहा कि गुजरात में जो घटना घटी है वह बेहद चिंतनीय और निंदनीय है. अनूपपुर से गये हुये युवा मजदूर जो गरीब परिवारों से है. किसान परिवारों से है उनके साथ एक झूठा इल्जाम लगाकर बेरहमी से पिटाई की गई है. जबकि होना यह चाहिये था कि यदि कोई घटना घटी है तो उसकी जानकारी कम्पनी मालिक को पुलिस को देनी चाहिये थी. किन्तु उसके गुंडे बर्बरता की सारी हदें पार कर कामगार मजदूरों के शरीर पर डंडों के निशान उकेर देते हैं और यह घटना उस गुजरात में होती है जिसे मोदी व उनके पार्टी के लोग देश में मॉडल बताते हैं देश में सबसे अधिक काम के घंटे गुजरात में हैं. जरा मोदी जी व उनके पार्टी के लोग राजकोट के उस कम्पनी मालिक पर भी गौर फरमायें जिसने बर्बरता की सारी हदें पार कर रखी हैं. एक बार फिर हम इसकी कड़ी निंदा करते हुये न्यायिक जांच की मांग करते हैं.

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