पूर्व कांग्रेस नेता, सिंधिया खेमे के समर्थक व शिवराज सिंह चौहान सरकार (Shivraj Govt) में वर्तमान कैबिनेट मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (Pradyuman Singh Tomar) और कांग्रेस कार्यकर्ता के बीच झड़प हो गई. होर्डिंग हटाने को लेकर विवाद को लेकर खुद कांग्रेस कार्यकर्ताओं से भिड़ गए. कांग्रेस कार्यकर्ता 18 सितंबर को राज्य पार्टी प्रमुख कमलनाथ के स्वागत के लिए लगाए गए होर्डिंग्स और बैनरों को हटाए जाने पर विरोध कर रहे थे. बाद में सुरक्षाकर्मियों ने इन प्रदर्शनकारियों को हटा दिया और मंत्री को सुरक्षित निकाल लिया. घटना के संबंध में कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है.
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एक वीडियो सामने आया है जिसमें मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर और एक कांग्रेस कार्यकर्ता तब कथित रूप से एक दूसरे से धक्का-मुक्की करते दिख रहे हैं जब मंत्री ने ग्वालियर के फूल बाग क्षेत्र में मांझी समुदाय के प्रदर्शनकारियों से मिलने का प्रयास किया. घटना बुधवार दोपहर में हुई जब तोमर मांझी समुदाय के सदस्यों से एक ज्ञापन लेने के लिए आये थे जो अपनी मांग को लेकर एक आंदोलन कर रहे थे. उसी समय कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ता पार्टी के बैनर-होर्डिंग को स्थानीय नगर निगम द्वारा हटाये जाने के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए वहां आ गए.
होर्डिंग हटाने को लेकर विवाद @BJP4MP @ChouhanShivraj सरकार में कैबिनेट मंत्री खुद भिड़ गये @INCMP कार्यकर्ताओं से! @ndtvindia @ndtv #BJP #Congress pic.twitter.com/VvqVY7Km5N
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) September 16, 2020
वीडियो में तोमर कांग्रेस के एक कार्यकर्ता से कांग्रेस का झंडा कथित तौर पर छीनते दिख रहे हैं. इसके बाद मंत्री और विपक्षी दल के कार्यकर्ता कथित तौर पर धक्का मुक्की करते भी दिख रहे हैं. कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने बाद में मंत्री के खिलाफ नारेबाजी की. कांग्रेस के कार्यकर्ता वे बैनर-होर्डिंग को नगर निगम द्वारा हटाये जाने का विरोध कर रहे थे जो मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के स्वागत के लिये लगाये गये थे. कमलनाथ यहां 18 सितम्बर को आने वाले हैं. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) सत्येंद्र सिंह तोमर ने बताया कि मंत्री जब ज्ञापन लेने पहुंचे तो प्रदर्शनकारी कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ता उनके पास पहुंच गये.
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उन्होंने कहा, ‘‘सुरक्षा कर्मियों ने इन काग्रेसियों को वहां से हटा दिया और तोमर को ज्ञापन लेने के लिये सुरक्षित आगे ले गये.'' एएसपी ने बताया कि इस संबंध में अभी तक कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है. वहीं मंत्री तोमर ने बाद में कहा, ‘‘कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मौके पर पहुंचने के लिये अव्यवस्था की. लेकिन इससे एक लोक सेवक को रोक नहीं सकते. कमलनाथ ने मुख्यमंत्री के तौर पर अपने 15 माह के कार्यकाल के दौरान ग्वालियर को 15 मिनट भी नहीं दिये.''
उन्होंने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर यहां अस्पताल के लिए धनराशि मंजूर नहीं करने का आरोप लगाया. मंत्री ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘अब कांग्रेस विज्ञापन एवं होर्डिंग पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है.'' घटना के बाद पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस विधायक लखन यादव और ग्वालियर विधानसभा सीट पर होने वाले उप चुनाव के लिये कांग्रेस के उम्मीदवार सुनील शर्मा ने वहां पर धरना दिया. शर्मा ने सवाल करते हुए कहा, ‘‘यह भाजपा के नेताओं और मंत्रियों का डर है, जिसके कारण पोस्टर-बैनर हटवाये जा रहे हैं, लेकिन कांग्रेस के साथ आमजन है, उन्हें कैसे हटाएंगे?'' (इनपुट भाषा से भी)
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