अनाज रखने के लिए पर्याप्त व्यवस्था न होने से बारिश होने पर सड़ने लगी खुले में रखी फसल.
भोपाल:
मध्यप्रदेश में इस बार अनाज की बंपर पैदावार हुई है, लेकिन एक बार फिर सरकारी लापरवाही से अनाज सड़ रहा है. छिन्दवाड़ा की चौरई मंडी में अचानक आई बारिश से लगभग चार सौ क्विंटल अनाज खराब हो गया. यही हालात भिंड, सिवनी जैसे कई इलाकों की मंडियों में दिखे.
चौरई मंडी में चार टीन शेड है, यहां व्यापारियों के अलावा सहकारी सोसायटी भी खरीदी कर रही है. किसानों का आरोप है 4 में से 3 शेड में अधिकारियों की मिली भगत से व्यापारियों का अनाज रखा है, किसानों की तुलाई खुले में होती है जिससे अचानक आई बारिश में अनाज बर्बाद हो गया. मंडी में गेंहू लेकर आए किसान नवीन शर्मा ने कहा 8 दिन से मैसेज आया है, किसान बैठा है आज बारिश में पूरा अनाज गीला हो गया. लगभग 50 क्विंटल का नुकसान हो गया.
भिंड में भी 11 मई को बरसात हुई मंडी में रखा हजा़रो क्विंटल खरीदी का गेंहू बर्बाद हो गया. सिवनी मंडी में भी गेंहू पर बारिश का ग्रहण लगा.
वैसे सरकार से सवाल फसल को बारिश से बचाने का पूछा लेकिन वो मामले में अपने गुण गाने लगी. जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने फसल बचाने के सवाल पर कहा ये स्थानीय व्यवस्था है. वैसे फसल अच्छी आई है, किसान की मेहनत है और धरती पुत्र मुख्यमंत्री की वजह से सिंचाई का जो रिकॉर्ड रकबा बढ़ाया है.
विपक्ष का आरोप है फसल को जान बूझकर सड़ाया जा रहा है. यूथ कांग्रेस अध्यक्ष कुणाल चौधरी ने कहा लूट सको तो लूट लो, योजना किसानों के नाम पर चल रही है. जब किसान के पास फसल रहती है तो दाम नहीं मिलते जब किसान के पास से फसल चली जाती है तो इतने दाम बढ़ते हैं उपभोक्ता भी परेशान है. जान बूझकर सड़ा रहे हैं, सरकार की मिली भगत है ताकि चुनिंदा कारोबारियों को फायदा हो.
देश में इस बार गेंहू का रिकार्ड उत्पादन हुआ है लभगग 350 लाख टन खरीदारी सरकार कर सकती है, लेकिन एक बार फिर भंडारण में भयावह लापरवाही की तस्वीरें सामने आ रही हैं. इस साल सकार ने गेहूं का एमएसपी 1735 रूपये प्रति क्विंटल तय किया है. राज्य सरकार 265 रूपये बोनस दे रही है, यानी किसानों को 2,000 रुपये क्विंटल मिलेंगे. मध्यप्रदेश सरकार ने का लक्ष्य 67 लाख टन गेहूं खरीदने का है, लेकिन अगर ये ऐसे ही बर्बाद हुआ तो ग्राहक और किसान दोनों को परेशान होना होगा.
चौरई मंडी में चार टीन शेड है, यहां व्यापारियों के अलावा सहकारी सोसायटी भी खरीदी कर रही है. किसानों का आरोप है 4 में से 3 शेड में अधिकारियों की मिली भगत से व्यापारियों का अनाज रखा है, किसानों की तुलाई खुले में होती है जिससे अचानक आई बारिश में अनाज बर्बाद हो गया. मंडी में गेंहू लेकर आए किसान नवीन शर्मा ने कहा 8 दिन से मैसेज आया है, किसान बैठा है आज बारिश में पूरा अनाज गीला हो गया. लगभग 50 क्विंटल का नुकसान हो गया.
भिंड में भी 11 मई को बरसात हुई मंडी में रखा हजा़रो क्विंटल खरीदी का गेंहू बर्बाद हो गया. सिवनी मंडी में भी गेंहू पर बारिश का ग्रहण लगा.
वैसे सरकार से सवाल फसल को बारिश से बचाने का पूछा लेकिन वो मामले में अपने गुण गाने लगी. जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने फसल बचाने के सवाल पर कहा ये स्थानीय व्यवस्था है. वैसे फसल अच्छी आई है, किसान की मेहनत है और धरती पुत्र मुख्यमंत्री की वजह से सिंचाई का जो रिकॉर्ड रकबा बढ़ाया है.
विपक्ष का आरोप है फसल को जान बूझकर सड़ाया जा रहा है. यूथ कांग्रेस अध्यक्ष कुणाल चौधरी ने कहा लूट सको तो लूट लो, योजना किसानों के नाम पर चल रही है. जब किसान के पास फसल रहती है तो दाम नहीं मिलते जब किसान के पास से फसल चली जाती है तो इतने दाम बढ़ते हैं उपभोक्ता भी परेशान है. जान बूझकर सड़ा रहे हैं, सरकार की मिली भगत है ताकि चुनिंदा कारोबारियों को फायदा हो.
देश में इस बार गेंहू का रिकार्ड उत्पादन हुआ है लभगग 350 लाख टन खरीदारी सरकार कर सकती है, लेकिन एक बार फिर भंडारण में भयावह लापरवाही की तस्वीरें सामने आ रही हैं. इस साल सकार ने गेहूं का एमएसपी 1735 रूपये प्रति क्विंटल तय किया है. राज्य सरकार 265 रूपये बोनस दे रही है, यानी किसानों को 2,000 रुपये क्विंटल मिलेंगे. मध्यप्रदेश सरकार ने का लक्ष्य 67 लाख टन गेहूं खरीदने का है, लेकिन अगर ये ऐसे ही बर्बाद हुआ तो ग्राहक और किसान दोनों को परेशान होना होगा.
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