मध्यप्रदेश विधानसभा में एक विधेयक पर मत विभाजन के दौरान कमलनाथ सरकार को समर्थन करने वाले शहडोल जिले के ब्यौहारी विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक फिर पाला बदलते नज़र आ रहे हैं. उन्होंने कहा मॉब लिंचिंग प्रस्ताव के समर्थन में उन्होंने सरकार के पक्ष में वोट किया था जिसका समर्थन उनकी पार्टी भी कर रही थी. शरद कोल ने कहा कि वे बीजेपी के विधायक हैं और रहेंगे.
जुलाई में मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दौरान बीजेपी को करारा झटका लगा जब था जब एक विधेयक पर मत विभाजन के दौरान उसके दो विधायकों नारायण त्रिपाठी और शरद कोल ने अपना समर्थन मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस नीत सरकार को दे दिया था.
शरद कोल ने 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट पर शहडोल जिले की ब्यौहारी सीट से जीत दर्ज की थी. पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव के दौरान ब्यौहारी सीट से कांग्रेस से टिकट मांगा था, लेकिन उन्हें कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया. तब वह युवा कांग्रेस के नेता थे. इसलिए विधानसभा चुनाव से ठीक 10 दिन पहले वह कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए और ब्यौहारी सीट से बीजेपी ने उन्हें अपना प्रत्याशी बना दिया. वह चुनाव जीतकर विधायक बन गए.
शरद कोल के पिता जुगलाल कोल भी शहडोल जिले के वरिष्ठ कांग्रेस नेता हैं.
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