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This Article is From Oct 17, 2019

सरकारी स्कूल के एक कमरे में ठूंस-ठूंस कर बंद किए गए आवारा गौवंश, 17 गाय-बैलों की मौत

मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर डबरा तहसील के समूदन गांव में हुई घटना

सरकारी स्कूल के एक कमरे में ठूंस-ठूंस कर बंद किए गए आवारा गौवंश, 17 गाय-बैलों की मौत
प्रतीकात्मक फोटो.
ग्वालियर:

ग्वालियर जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर डबरा तहसील के समूदन गांव में आवारा घूम रहे गौवंशों को सरकारी स्कूल के एक छोटे से कमरे में कथित रूप से सात दिन तक बिना चारा-पानी के ठूंस-ठूंस कर बंद कर दिया गया, जिससे आठ गायों सहित 17 गौवंश की मौत हो गई. इलाके में बदबू फैलने के बाद बुधवार रात को सभी शवों को कमरे से बाहर निकाला गया.

डबरा के उप जिलाधिकारी (एसडीएम) राघवेन्द्र पांडे ने बताया, ‘‘हमें सूचना मिली थी कि समूदन गांव के सरकारी स्कूल परिसर में मरे हुए गौवंश को दफनाया जा रहा है. इसके बाद तुरंत मैं पुलिस बल के साथ बुधवार रात को ही मौके पर पहुंचा, लेकिन तब तक गाय दफनाने वाले वहां से भाग गए थे.'' जिन 17 गौवंश की मौत हुई है, उनमें 8 गाय एवं 9 बैल हैं. इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और विस्तृत जांच जारी है. हालांकि, अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इनकी मौत दम घुटने से हुई या भूख-प्यास से या किसी अन्य कारण से.

उन्होंने कहा, ‘‘पहले हमने गायों को गड्ढे से बाहर निकाला और उनका पोस्टमार्टम कराया गया. इसके बाद उनका अंतिम संस्कार किया गया.'' पांडे ने बताया, ‘‘इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ पुलिस में प्राथमिकी दर्ज की गई है और आरोपियों की तलाश की जा रही है.'' उन्होंने कहा, ‘‘इस स्कूल परिसर में जनपद औऱ आंगनबाड़ी केन्द्र सहित चार सरकारी कार्यालय हैं और इनके कर्मचारियों को भी नोटिस दिया गया है. यदि कोई भी कर्मचारी दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ आपराधिक और विभागीय कार्रवाई की जाएगी.''

सूत्रों के अनुसार इनकी मौत के बाद जब बदबू बाहर आई तो अज्ञात ग्रामीणों ने बुधवार की रात को स्कूल परिसर में गड्ढा खोदकर गाय-बैलों को दफनाना शुरू कर दिया. इसकी खबर दूसरे ग्रामीणों और कुछ हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ताओं को लगी और वे मौके पर पहुंच गए.

इसी बीच, बजरंग दल के स्थानीय नेता मनोज रजक ने दावा किया, ‘‘इन गौवंश को करीब एक सप्ताह पहले स्कूल के एक कमरे में अज्ञात ग्रामीणों ने बंद कर दिया था. उन्हें चारा-पानी भी नहीं दिया गया. इनकी मौत के बाद जब बदबू बाहर आई तो ग्रामीणों ने बुधवार की रात को स्कूल परिसर में गड्ढा खोदकर गायों को दफनाना शुरू कर दिया.'' उन्होंने कहा कि इसकी खबर मिलने पर बजरंग दल के कार्यकर्ता मौके पर पहुंच गए और ग्रामीणों को मरे हुए इन गौवंश को दफनाते हुए भी देखा था, जिसके बाद हमने एसडीएम को इसकी सूचना दी.

रजक ने बताया कि इन गौवंशों की मृत्यु दम घुटने से भी हो सकती है, क्योंकि इन्हें एक छोटे से कमरे में ठूंस-ठूंस कर भरा गया था. इसके अलावा, आपसी लड़ाई में भी इनकी मौत हो सकती है, क्योंकि कमरे की दीवारों पर खून के धब्बे दिखाई दिए हैं.

जानवरों की मौत की जानकारी मिलने के बाद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बृहस्पतिवार को ट्विटर पर लिखा, ‘‘ग्वालियर के डबरा के समूदन में 17 गायों की मृत्यु की खबर बेहद दुखद. इस घटना की निष्पक्ष जांच के निर्देश. जांच में जिसका दोष सामने आए, उस पर कड़ी कार्रवाई हो.'' उन्होंने आगे लिखा, ‘‘हम गौमाता की रक्षा व संवर्धन के लिए निरंतर प्रयासरत व बचनबद्ध. ऐसी घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जा सकती हैं.''

वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने ट्वीट कर लिखा, ‘‘कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में गौशाला बनाने का वचन दिया था. अगर शासन-प्रशासन गाय को गौशाला में ले जाता, तो वो किसी कमरे में बंद नहीं होतीं और मौत का शिकार नहीं होतीं. वचन देकर मुकरना, फिर गाय का मर जाना, ये गौ हत्या जैसा पाप है. शासन को पहल करनी चाहिए, ताकि ऐसे गौमाता न मरें.''

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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