मध्यप्रदेश में छतरपुर जिले के एक गांव की पंचायत ने एक किसान द्वारा अपने 15 वर्षीय बेटे के मरने के बाद तेरहवीं पर मृत्युभोज न देने पर कथित तौर पर इस परिवार का बहिष्कार करने का फरमान सुनाया है. छतरपुर जिला मुख्यालय से करीब 55 किलोमीटर दूर राजनगर थाना क्षेत्र के खजवा गाँव में पंचायत ने 25 मार्च को यह फरमान सुनाया. पंचायत के इस कदम के बाद पीड़ित परिवार पिछले दो माह से राशन-पानी के लिए परेशान है. खजुराहो के अनुविभागीय पुलिस अधिकारी (एसडीओपी) मनमोहन सिंह बघेल ने मंगलवार को ''भाषा'' को बताया, ''''राजनगर थानाक्षेत्र के खजवा गांव में किसान बृजगोपाल पटेल के 15 वर्षीय बेटे की कुएं में डूबने से नौ मार्च को मौत हो गई थी. मौत के बाद तेरहवीं कार्यक्रम न करने पर उनके समाज की पंचायत बैठी और पंचायत ने फरमान सुनाया कि इस परिवार को समाज से बहिष्कृत किया जाता है क्योंकि उसने तेरहवीं का कार्यक्रम आयोजित नहीं करवाया है.''''
उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में फरियादी ब्रजगोपाल पटेल ने पिछले सप्ताह शुक्रवार को राजनगर थाने में शिकायत की और बताया कि वह कोरोना वायरस के लिए लगे लॉकडाउन के चलते भीड़—भाड़ एकत्र नहीं कर सकता था. इस कारण उसने 22 मार्च को तेरहवीं का कार्यक्रम आयोजित नहीं किया, जिस पर पंचायत ने 25 मार्च को उसके परिवार का बहिष्कार कर दिया.
बघेल ने बताया कि शिकायत के अनुसार पंचायत ने कहा है कि जब तक ब्रजगोपाल पटेल अपने बेटे की मौत का गांव वालों को भोज नहीं करा देता, तब तक उसके यहां गांव के किसी भी व्यक्ति का आना—जाना नहीं होगा और ना ही वह सार्वजनिक कुएं से पानी भर सकता है. इसके अलावा, पंचायत ने अन्य तरह की भी सार्वजनिक गतिविधियों में इस परिवार के शामिल होने पर रोक लगा दी है. उन्होंने कहा, ''''इस मामले की जांच की जा रही है. इस गाँव के लोगों से भी पूछताछ की जा रही है.'''' इस मामले पर राजनगर ब्लॉक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) प्रतिपाल सिंह बागरी ने बताया कि हमने गाँव के सचिव से रिपोर्ट मंगाई, जिसमें उसने स्पष्ट किया है कि इस परिवार पर कुएं से पानी लाने के लिए कोई रोक नहीं है. मामले की विस्तृत जांच चल रही है.
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