
Gram Panchayat Eligibility: हर पांच वर्ष में होने वाले ग्राम पंचायत चुनाव ग्रामीण भारत की शासन व्यवस्था का आधार हैं. इन चुनावों के जरिए ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, ब्लॉक पंचायत सदस्य और ब्लॉक प्रमुख जैसे महत्वपूर्ण पदों के लिए जनप्रतिनिधि चुने जाते हैं. इनमें ग्राम प्रधान का पद सबसे अहम माना जाता है, क्योंकि ग्राम प्रधान न केवल अपने गांव के विकास की जिम्मेदारी लेता है, बल्कि शासन से मिलने वाले विकास निधि को खर्च करने का अधिकार भी रखता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ग्राम प्रधान बनने के लिए किन योग्यताओं की जरूरत होती है? आइए, जानते हैं.
ग्राम प्रधान बनने की योग्यता और जिम्मेदारियां
ग्राम प्रधान बनने के लिए भारत के चुनाव आयोग और राज्य निर्वाचन आयोग ने कुछ जरूरी नियम और योग्यताएं तय की हैं. हर उम्मीदवार को इनका पालन करना अनिवार्य है.
मुख्य योग्यताएं / Basic Eligibilityन्यूनतम आयु ( Minimum Age): उम्मीदवार की उम्र कम से कम 21 साल होनी चाहिए. इससे कम उम्र वाले व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकते.
भारतीय नागरिकता (Citizenship): उम्मीदवार का भारत का नागरिक होना जरूरी है. विदेशी नागरिक इस पद के लिए नहीं चुने जा सकते.
मेंटल हेल्थ (Mental Health): उम्मीदवार का मानसिक स्वास्थ्य ठीक होना चाहिए. मानसिक रूप से अस्थिर व्यक्ति अयोग्य माना जाता है.
आपराधिक रिकॉर्ड (Criminal Record): उम्मीदवार को किसी अपराध में दोषी नहीं ठहराया गया होना चाहिए. दोषी पाए जाने पर उम्मीदवार अयोग्य हो जाएगा.
वित्तीय स्थिति (Financial Condition): उम्मीदवार किसी बैंक या सहकारी संस्था का कर्जदार नहीं होना चाहिए. बकाया कर्ज होने पर नामांकन रद्द हो सकता है.
अन्य नियम / Additional Rules
शैक्षिक योग्यता (Educational Qualification): सामान्यतः कोई न्यूनतम शिक्षा जरूरी नहीं है. कुछ राज्यों में 8वीं या 10वीं पास होना जरूरी हो सकता है.
दो-बच्चों का नियम (Two-Child Rule): कुछ राज्यों में दो से ज्यादा बच्चे वाले उम्मीदवार चुनाव नहीं लड़ सकते. यह नियम हर राज्य में लागू नहीं है.
नामांकन प्रक्रिया (Nomination Process): उम्मीदवार को अपने क्षेत्र की ग्राम पंचायत में नामांकन पत्र जमा करना होता है, साथ में आयु प्रमाण, नागरिकता प्रमाण और आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी भी देनी होती है.
ग्राम प्रधान की भूमिका और जिम्मेदारियां - Role and Responsibilities
ग्राम प्रधान गांव का नेता होता है और पंचायत की बैठकों की अध्यक्षता करता है. वह विकास योजनाओं को लागू करने में अहम भूमिका निभाता है.
मुख्य जिम्मेदारियां
- गांव में सड़क, पानी, बिजली, स्कूल और स्वास्थ्य सुविधाओं का विकास सुनिश्चित करना.
- ग्रामीणों की समस्याएं सुनना और उनके समाधान के लिए प्रशासन के साथ तालमेल रखना.
- सरकारी निधि का सही तरीके से इस्तेमाल करना और गांव का समग्र विकास सुनिश्चित करना.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं