जबलपुर में गुरुवार को आशा ऊषा कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट का घेराव किया. दरअसल, कैबिनेट की बैठक में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं का मानदेय बढ़ाने का फैसला लिए जाने के बाद आशा और ऊषा कार्यकर्ताओं के सब्र का बांध टूट चुका है. आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं का कहना था कि सरकार उनसे विभिन्न योजनाओं से जुड़ा हर काम पकड़ा देती है, लेकिन मानदेय बढ़ाने के नाम पर उन्हें हमेशा आश्वासन का झुनझुना थमा दिया जाता है.
चुनाव के चलते और बढ़ेगी मांग
विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कर्मचारियों का हर वर्ग अपनी मांगें पूरी कराने के लिए लामबंद है. कई संगठनों की मांगें पूरी भी हो चुकी हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि आशा-ऊषा कार्यकर्ता भी अपनी मांगें पूरी कराने अपनी आवाज और बुलंद कर सकती हैं. ये सभी आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं का मानदेय 2 हजार से बढ़ाकर 10 हजार और सहयोगियों का मानदेय 5 हजार किए जाने की मांग कर रही हैं.
जबलपुर जिला की कार्यकर्ता पूजा कनोजिया का कहना है कि अब हम नहीं सहेंगे, सभी की बात सुनी और मानी जा रही हैं तो हम आशा - ऊषा कार्यकर्ताओ की बात क्यो नहीं सुनी जा रही हैं?
उग्र आंदोलन की दी चेतावनी
सरकार की हर योजना को जमीन तक पहुंचाने वाली आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि यदि अब भी सरकार ने उनकी उपेक्षा की तो वे एक बार फिर काम बंद हड़ताल पर जाने बाध्य होंगी.
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