विज्ञापन
This Article is From Apr 09, 2020

Coronavirus: ऊंची मृत्यु दर के साथ कोरोनावायरस संक्रमण के 'हॉटस्पॉट' में बदला सबसे साफ शहर

आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों से हमेशा गुलजार रहने वाला मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) का सबसे बड़ा शहर इंदौर कोरोनावायरस (Indore Coronavirus) के प्रकोप के कारण पखवाड़े भर से कर्फ्यू के सख्त घेरे में है.

Coronavirus: ऊंची मृत्यु दर के साथ कोरोनावायरस संक्रमण के 'हॉटस्पॉट' में बदला सबसे साफ शहर
देश में कोरोना वायरस के मामले बढ़ते जा रहे हैं. (फाइल फोटो)
इंदौर:

आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों से हमेशा गुलजार रहने वाला मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) का सबसे बड़ा शहर इंदौर कोरोनावायरस (Indore Coronavirus) के प्रकोप के कारण पखवाड़े भर से कर्फ्यू के सख्त घेरे में है. तमाम कवायदों के बावजूद सरकारी तंत्र की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं क्योंकि शहर में इस महामारी का न केवल तेजी से फैलाव हो रहा है, बल्कि इसके मरीजों की मृत्यु दर भी काफी ऊंची है. केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक देश में बृहस्पतिवार सुबह तक की स्थिति में कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 5,734 थी, जबकि इनमें से दम तोड़ने वाले मरीजों का आंकड़ा 166 पर था. यानी इस अवधि तक देश में कोविड-19 की चपेट में आये मरीजों की मृत्यु दर 2.89 प्रतिशत थी.

प्रदेश सरकार के आंकड़ों के मुताबिक बृहस्पतिवार सुबह तक की स्थिति में इंदौर में कोविड-19 के पुष्ट मामलों की तादाद 213 और इस बीमारी के बाद दम तोड़ने वाले मरीजों की तादाद 22 थी. यानी इस अवधि तक इंदौर में कोविड-19 की चपेट में आये मरीजों की मृत्यु दर 10.33 प्रतिशत थी. आंकड़ों का तुलनात्मक अध्ययन स्पष्ट करता है कि फिलहाल इंदौर में कोरोनावायरस मरीजों की मृत्यु दर राष्ट्रीय स्तर से साढ़े तीन गुना ज्यादा है. इस बीच, स्थानीय प्रशासन की यह आरोप लगाते हुए आलोचना की जा रही है कि उसने शुरूआती दौर में कोविड-19 से निपटने में उचित रणनीति नहीं अपनायी, जिससे शहर में इस महामारी का खतरा बढ़ता चला गया.

स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अमूल्य निधि ने कहा, "महाराष्ट्र, राजस्थान और गुजरात जैसे पड़ोसी राज्यों में कोविड-19 के मामले सामने आने के बावजूद शुरूआत में इंदौर में स्वास्थ्य विभाग का जोर उन यात्रियों की जांच पर रहा जो हवाई मार्ग के जरिये विदेशों से इस शहर में आ रहे थे." उन्होंने कहा, "यह निर्णय लेने में एक बड़ी चूक थी क्योंकि इंदौर के एक बड़ा वाणिज्यिक केंद्र होने के कारण रेल और सड़क मार्ग के जरिये कई राज्यों के हजारों लोगों की हर रोज शहर में आवा-जाही होती है. शुरूआत में ऐसे लोगों की कोविड-19 की जांच को तवज्जो ही नहीं दी गयी."
गौरतलब है कि कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे के कारण प्रशासन ने जिले में 23 मार्च से तीन दिन का लॉकडाउन घोषित किया था, लेकिन कोरोना वायरस के मरीज मिलते ही 25 मार्च से शहरी सीमा में कर्फ्यू लगा दिया गया था.

कोरोना से जंग: ओडिशा ने 30 अप्रैल तक बढ़ाया लॉकडाउन, ऐसा करने वाला बना पहला राज्य

अमूल्य निधि ने कहा, "मुझे लगता है कि इंदौर जैसे सघन आबादी वाले शहर में लॉकडाउन की घोषणा मार्च की शुरूआत में ही कर दी जानी चाहिये थी." मध्यप्रदेश के 30 लाख से ज्यादा आबादी वाले इस शहर के अलग-अलग इलाकों में कोरोना वायरस संक्रमण के मरीज लगातार मिल रहे हैं, लेकिन शासकीय महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के प्रमुख सलिल साकल्ले का कहना है कि राष्ट्रीय स्वच्छता रैंकिंग में पिछली तीन बार से लगातार अव्वल रहे शहर में कोरोना वायरस संक्रमण तीसरे चरण यानी सामुदायिक प्रसार की स्थिति में अभी नहीं पहुंचा है. जानकारों के मुताबिक किसी महामारी को सामुदायिक प्रसार के चरण में तब कहा जाता है जब उसके संभावित स्त्रोत के रूप में किसी घटना या व्यक्ति का निश्चित तौर पर पता नहीं लगाया जा सके.

हॉटस्पॉट इंदौर में कोरोना पॉज़िटिव डॉक्टर की मौत, नहीं कर रहे थे COVID-19 मरीज़ों का इलाज

इसके साथ ही, किसी मानवीय बसाहट के सभी स्थानों से महामारी के एक जैसे मामले एक ही समय पर सामने आयें.
साकल्ले ने कहा, "फिलहाल इंदौर में कोरोना वायरस संक्रमण के अधिकतर नये मामले शहर के कुछेक हिस्सों से ही सामने आ रहे हैं." इंदौर में कोविड-19 के मरीजों की ऊंची मृत्यु दर के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "शहर में इस बीमारी से दम तोड़ने वाले मरीजों में ज्यादातर ऐसे हैं जो अस्पताल में देरी से भर्ती हुए और गंभीर हालत के चलते उन्हें सीधे गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में रखना पड़ा. ऐसे लोगों को कोविड-19 के अलावा पुरानी बीमारियां भी थीं." साकल्ले ने सुझाया कि शहर में कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति से निपटने के लिये जारी कर्फ्यू को 14 अप्रैल के बाद भी बढ़ाया जाना चाहिये.

तबलीगी जमात ने भारत ही नहीं पाकिस्तान में भी फैलाया कोरोनावायरस, 3000 विदेशियों सहित 2.5 लाख लोग हुए थे कार्यक्रम में शामिल

गौरतलब है कि शहर के कई स्थानों पर अनियंत्रित जमावड़ों के दृश्य सामने आने के बाद प्रशासन कर्फ्यू को पहले ही सख्त कर चुका है. प्रकोप बढ़ने पर इस बीमारी से निपटने के प्रयास तेज कर दिये गये हैं. प्रशासन ने विक्रेताओं के जरिये दूध, किराना और राशन के साथ आलू-प्याज की घर-घर आपूर्ति कराने की व्यवस्था शुरू की है ताकि लोग अपने घरों से बिल्कुल भी बाहर न निकलें. इंदौर में जब कोरोना वायरस अपने पैर जमा रहा था, तब महज 15 महीने के कार्यकाल वाली कमलनाथ नीत कांग्रेस सरकार बागी विधायकों के कारण पतन के मुहाने पर थी. विश्लेषकों का मानना है कि उस समय कोरोना वायरस संक्रमण से जनता को बचाने की सरकारी तैयारियों पर राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में छायी गहरी अनिश्चितता का भी असर पड़ा.

VIDEO: जो कोरोना को पराजित कर चुके हैं आज हमें उनसे प्रेरणा लेनी है : PM मोदी

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com