इंदौर : मध्य प्रदेश में कांग्रेस को झटका, पूर्व विधायक को हुई 1 दिन की सजा

मध्यप्रदेश के इंदौर जिले के एक विधायक को एमपी एमएलए कोर्ट द्वारा 1 दिन की सजा और 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है. यह सजा 2018 में किए गए बिना परमिशन के एक आंदोलन के मामले में हुई है. कांग्रेस विधायक के साथ आंदोलन करने वाले अन्य कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को भी यही सजा और जुर्माना हुआ है.

इंदौर : मध्य प्रदेश में कांग्रेस को झटका, पूर्व विधायक को हुई 1 दिन की सजा

मध्यप्रदेश के इंदौर जिले के एक विधायक को एमपी एमएलए कोर्ट द्वारा 1 दिन की सजा और 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है. यह सजा 2018 में किए गए बिना परमिशन के एक आंदोलन के मामले में हुई है. कांग्रेस विधायक के साथ आंदोलन करने वाले अन्य कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को भी यही सजा और जुर्माना हुआ है.

मध्यप्रदेश में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से ही एमपी एमएलए कोर्ट लगातार पेंडिंग प्रकरणों का निपटारा करने में लगी हुई है. इंदौर जिले की देपालपुर विधानसभा से कांग्रेस के पूर्व विधायक रहे सत्यनारायण पटेल द्वारा 2018 में एक विरोध प्रदर्शन किया गया था. इस विरोध प्रदर्शन के बाद पुलिस द्वारा एक अपराध दर्ज किया गया था. जिसमें धारा 188 और धारा 147 के तहत कॉन्ग्रेस के पूर्व विधायक सत्यनारायण पटेल एवं उनके साथियों को आरोपी बनाया गया था.

इसी मामले की सुनवाई करते हुए एमपी एमएलए कोर्ट इंदौर के प्रति व्यवहार न्यायालय वरिष्ठ खंड के सुरेश यादव द्वारा सुनवाई पूरी होने के बाद पूर्व विधायक सत्यनारायण पटेल एवं उनके सहयोगियों पूर्व जिला पंचायत सदस्य कृपाराम पूर्व पार्षद महेश पाटीदार सहित अन्य मोहन चौधरी इकबाल मंसूरी, निराला डागर, संतोष जाट मिथिलेश जोशी, मोहन पटेल ,आदित्य अग्निहोत्री, वासुदेव सरपंच विनोद दरबार और कमल जाधव को धारा 148 का दोषी मानते हुए सार्वजनिक स्थान पर आंदोलन करने के मामले में कोर्ट समाप्त होने तक 1 दिन की सजा एवं प्रति आरोपी ₹10000 का जुर्माना लगाया गया. हालांकि धारा 188 में उन्हें और सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया.

अपील करेंगे सेशन कोर्ट में

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कांग्रेस के पूर्व विधायक एवं उनके साथियों के अधिवक्ता संतोष यादव ने कहां की इस फैसले से बहुत संतुष्ट नहीं है क्योंकि धारा 188 में तो बिना अनुमति आंदोलन करने के मामले में उन्हें बरी कर दिया गया लेकिन अन्य धारा में दोषी करार दिया गया यही वजह है कि सेशन कोर्ट में इसकी अपील की जाएगी.