इंदौर : 'मेरा घर बिकाऊ है' मामले में उच्‍चस्‍तरीय जांच का आदेश, SIT का गठन

SIT में एडिशनल डीसीपी के नेतृत्व में राउ थाने के थाना प्रभारी सहित अन्य पुलिसकर्मी रहेंगे जो पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच करेंगे. साथ ही जिस थाना क्षेत्र में यह पूरी बिल्डिंग मौजूद है, उस थाने के किसी भी पुलिसकर्मी को इस टीम में शामिल नहीं किया गया है.

इंदौर : 'मेरा घर बिकाऊ है' मामले में उच्‍चस्‍तरीय जांच का आदेश, SIT का गठन

सोसायटी के लोगों ने अपने घरों के बाहर 'मेरा घर बिकाऊ' है के पोस्‍टर लगा रखे हैं.

इंदौर:

इंदौर के राजेंद्र नगर क्षेत्र में असामाजिक तत्वों से परेशान होकर फ्लैट में रहने वाले कुछ लोगों ने अपने घरों पर मकान बिकाऊ के पोस्टर लगा दिए थे. घटना  सामने आने के बाद डीसीपी सहित पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और लोगों से बातचीत की तो बिल्डिंग में दो पक्षों के बीच विवाद का मामला सामने आया है. फिलहाल इस पूरे घटनाक्रम की जांच के लिए डीसीपी ने एसआईटी का गठन किया है और मामले की उच्चस्तरीय जांच करवाई जा रही है. 

दरअसल, इंदौर की ट्रेजर आईलैंड टाउन कॉलोनी के सामने एबीसीडी बिल्डिंग मौजूद है. इस बिल्डिंग में तकरीबन ढाई सौ से अधिक लोग निवास करते हैं, जिनमें किराएदार भी  रहते हैं. बताया जा रहा है कि पिछले दिनों रहवासी संघ के बिल्डिंग में चुनाव हुए थे, जिसमें दो पक्षों में किसी बात को लेकर अभद्रता हो गई और उसके बाद एक पक्ष ने दूसरे पक्ष को बदनाम करने के लिए अपने फ्लैट के बाहर 'यह मकान बिकाऊ है' के पोस्‍टर लगा दिए. 

यह मामला सामने आने के बाद पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर पहुंचे. प्रारंभिक तौर पर जिन लोगों ने अपने घरों पर पोस्टर लगाए थे उनका कहना था कि क्षेत्र में असामाजिक तत्वों के द्वारा महिलाओं के साथ छेड़छाड़ करने के साथ ही नशा तस्कर सक्रिय है और क्षेत्रीय पुलिस इस पूरे मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. वहीं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने जब पूरे मामले में जांच पड़ताल शुरू की तो दूसरा पक्ष भी थाने पहुंचा. उसने बताया कि प्रशांत पांडे नाम के शख्‍स द्वारा कानून को बदनाम किया जा रहा है. साथ ही बिल्डर ने भी कॉलोनी में किसी तरह के कोई विकास कार्य नहीं करवाए हैं. इसके बाद पुलिस ने पूरे मामले में पुलिस ने मोर्चा संभालते हुए बिल्डर को नोटिस जारी किया और सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए. 

इस मामले में डीसीपी आदित्य मिश्रा ने बताया कि उच्च स्तरीय जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है. एसआईटी में एडिशनल डीसीपी के नेतृत्व में राउ थाने के थाना प्रभारी सहित अन्य पुलिसकर्मी रहेंगे जो पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच करेंगे. साथ ही जिस थाना क्षेत्र में यह पूरी बिल्डिंग मौजूद है, उस थाने के किसी भी पुलिसकर्मी को इस टीम में शामिल नहीं किया गया है. डीसीपी का ऐसा मानना है कि यदि राजेंद्र नगर थाने के पुलिसकर्मियों को टीम में शामिल किया जाएगा तो विरोधाभास की स्थिति उत्पन्न होगी. साथ ही यदि कोई पुलिसकर्मी राजनगर थाने पर तैनात है और वह इस पूरे घटनाक्रम में शामिल रहा तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. डीसीपी ने कहा कि इस मामले में लिखित तौर पर 2 शिकायतें आई थीं, लेकिन वह भी आपसी विवाद की थी. फिलहाल इस पूरे मामले में एसआईटी जांच कर रही है और जल्द ही उसकी रिपोर्ट के आधार पर आने वाले दिनों में संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. 

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